झालावाड़ में स्कूल की छत ढही, 3 मासूमों की मौत से मचा हड़कंप, कौन है जिम्मेदार?

Published : Jul 25, 2025, 09:48 AM ISTUpdated : Jul 25, 2025, 10:50 AM IST
Jhalawar school collapse kills 3 children

सार

Shocking Collapse in Rajasthan: स्कूल की छत अचानक गिरी, मासूमों की चीखों से कांपा गांव। जर्जर भवन बना काल, 3 बच्चों की मौत... क्या पहले से था कोई अलर्ट? प्रशासन की लापरवाही या छुपाई गई सच्चाई? जांच से खुलेंगे कई राज़!

Jhalawar School Building Collapse: राजस्थान के झालावाड़ जिले के पीपलोदी गांव में शुक्रवार की सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसने पूरे गांव और आसपास के क्षेत्र को हिला कर रख दिया। जिले के दांगीपुरा थाना क्षेत्र के पीपलोदी गांव में स्थित एक सरकारी स्कूल की छत अचानक भरभराकर गिर गई, जिससे स्कूल में पढ़ रहे कई मासूम बच्चे मलबे में दब गए। हादसे के बाद गांव में हाहाकार मच गया और लोग मदद के लिए दौड़ पड़े।

हादसे के वक्त स्कूल में कितने बच्चे मौजूद थे?

 बारिश के कारण कमजोर हो चुकी मिट्टी और लकड़ी की छत भरभराकर गिर गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटना के समय स्कूल के एक कमरे में लगभग 15 से 20 छात्र मौजूद थे, जो अचानक हुए हादसे के मलबे में दब गए। छत गिरने की आवाज सुनते ही आस-पास के ग्रामीण, शिक्षक और परिजन मदद के लिए दौड़े। पुलिस और प्रशासन की टीमों ने भी मौके पर पहुंचकर JCB मशीनों की मदद से राहत कार्य शुरू किया। अब तक दर्जनभर बच्चों को बाहर निकाला जा चुका है।

3 बच्चों की मौत, कई की हालत गंभीर

इस दुखद हादसे में 3 बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई है, जबकि कई बच्चों को गंभीर हालत में अस्पताल भेजा गया है। मनोहरथाना के सरकारी अस्पताल में घायलों का इलाज चल रहा है। कुछ की स्थिति बेहद नाजुक बताई जा रही है।

क्या स्कूल की छत गिरने की पहले से कोई चेतावनी दी गई थी? 

हां, ग्रामीणों के मुताबिक पीपलोदी गांव के इस सरकारी स्कूल की इमारत कई महीनों से जर्जर हालत में थी। स्थानीय लोगों और अभिभावकों ने कई बार स्कूल शिक्षा विभाग और प्रशासन को इसकी सूचना दी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ये हादसा लापरवाही की चेतावनी को नजरअंदाज करने का नतीजा है।

पीपलोदी गांव का स्कूल किस हालत में था? 

स्कूल की हालत बेहद खराब थी। छत मिट्टी और लकड़ी से बनी थी, जो हाल ही में हुई बारिश से कमजोर हो चुकी थी। स्थानीय लोगों का दावा है कि यह भवन लंबे समय से जर्जर था, बावजूद इसके यहां पढ़ाई जारी थी। कई बार लिखित शिकायतों के बावजूद मरम्मत या भवन खाली नहीं करवाया गया।

क्या दोषियों पर कोई कार्रवाई होगी? 

जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। संबंधित अधिकारियों ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। यदि लापरवाही साबित होती है, तो शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों और भवन निरीक्षकों पर FIR हो सकती है।

क्या अन्य जिलों में भी ऐसे जर्जर स्कूल भवन मौजूद हैं? 

हां, राजस्थान के कई ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में सैकड़ों सरकारी स्कूल ऐसे भवनों में चल रहे हैं, जो मरम्मत योग्य या पूरी तरह खतरनाक हैं। ये हादसा अन्य जिलों में भी मौजूद ऐसी जर्जर इमारतों की अनदेखी की ओर इशारा करता है। अब ये जरूरी हो गया है कि राज्य स्तर पर एक व्यापक सर्वे और पुनर्विकास योजना तुरंत चलाई जाए।

 

 

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