राजस्थान में शिक्षा का महाविस्तार: 177 स्कूलों का अपग्रेडेशन, 970 स्कूलों में विज्ञान संकाय शुरू

Published : Jun 30, 2025, 10:44 PM ISTUpdated : Jun 30, 2025, 10:45 PM IST
Bhajanlal Sharma

सार

Rajasthan school upgrades: राजस्थान में सैकड़ों स्कूलों का हुआ अपग्रेडेशन, अब गांवों में भी फिज़िक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी की पढ़ाई! हज़ारों नई नौकरियां भी मिलेंगी।

teacher recruitment Rajasthan: राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव की शुरुआत हो चुकी है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की दूरदर्शी सोच और बजट घोषणा की तेज़ी से क्रियान्विति के चलते राज्य के सैकड़ों स्कूलों का स्तर ऊंचा किया गया है। शिक्षा विभाग ने सोमवार को बड़ी घोषणा करते हुए बताया कि प्रदेश के 177 उच्च प्राथमिक विद्यालयों को अब उच्च माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत किया गया है। यह केवल एक शैक्षिक फैसला नहीं, बल्कि गांव-गांव तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाने की दिशा में उठाया गया ठोस कदम है।

अब गांव में भी पढ़ सकेंगे फिज़िक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी

राज्य सरकार ने 289 उच्च माध्यमिक विद्यालयों में गणित और जीवविज्ञान जैसे विज्ञान विषयों की पढ़ाई शुरू करने का फैसला किया है।इसके साथ ही, 970 महात्मा गांधी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में भी पर्याप्त नामांकन को देखते हुए विज्ञान संकाय प्रारंभ किया जा रहा है।

अब विद्यार्थियों को अपने ही स्कूल में पढ़ने को मिलेंगे ये विषय:

  • भौतिकी (Physics)
  • रसायन (Chemistry) 
  • जीवविज्ञान (Biology)
  • गणित (Mathematics)

यह निर्णय उन ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों के छात्रों के लिए खासतौर पर फायदेमंद होगा जहां विज्ञान विषयों की उपलब्धता अब तक सीमित थी।

यह भी पढ़ें: गर्मी की छुट्टियों के बाद फिर गुलजार होंगे स्कूल: 1 जुलाई से 'स्कूल चलो अभियान' का दूसरा चरण शुरू

शिक्षा से बढ़ेगा रोजगार: हजारों पदों का सृजन

स्कूलों की क्रमोन्नति और संकाय विस्तार के साथ ही सरकार ने शैक्षणिक और सहायक पदों की स्वीकृति भी दी है। इससे शिक्षा की गुणवत्ता तो बढ़ेगी ही, साथ ही हजारों युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।

स्वीकृत नए पदों का विवरण:

  1. 177 प्रधानाचार्य 
  2. 4277 व्याख्याता (Lecturers) 
  3. 1062 वरिष्ठ अध्यापक (Senior Teachers) 
  4. 708 अध्यापक लेवल-1 व 2 982 प्रयोगशाला 
  5. सहायक 177 कनिष्ठ सहायक 
  6. 177 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी

यह कदम "शिक्षा + रोजगार" के डबल बेनिफिट मॉडल को दर्शाता है, जहां इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ मानवीय संसाधन पर भी बराबर ध्यान दिया जा रहा है।

संस्कृत शिक्षा को भी मिली नई पहचान

शिक्षा सुधार केवल स्कूल स्तर तक सीमित नहीं है। सरकार ने राजकीय महाराज आचार्य संस्कृत महाविद्यालय, जयपुर को "सेंटर फॉर एक्सीलेन्स" के रूप में स्थायी संचालन के लिए आवश्यक बजटीय राशि का आवंटन भी कर दिया है। इससे पारंपरिक और भारतीय ज्ञान परंपराओं को संरक्षित करने के प्रयासों को नई गति मिलेगी।

शिक्षा विभाग की मंशा: गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, सबके लिए समान अवसर

शासन सचिव कृष्ण कुणाल के अनुसार, मुख्यमंत्री ने शिक्षा सुधार की हर पहल को तेज़ी से लागू करने के निर्देश दिए हैं। इसका उद्देश्य केवल स्कूल खोलना नहीं बल्कि प्रभावी विषयवस्तु, योग्य शिक्षक और बेहतर व्यवस्थाएं देना है, ताकि राजस्थान का हर विद्यार्थी उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त कर सके।

यह भी पढ़ें: UP Traffic Fines: सीट बेल्ट नहीं लगाया तो 1st टाइम कितना फाइन लगेगा? खतरनाक है दूसरी बार का जुर्माना, जानें कैसे माफ हो सकता है यह?

PREV

राजस्थान की राजनीति, बजट निर्णयों, पर्यटन, शिक्षा-रोजगार और मौसम से जुड़ी सबसे जरूरी खबरें पढ़ें। जयपुर से लेकर जोधपुर और उदयपुर तक की ज़मीनी रिपोर्ट्स और ताज़ा अपडेट्स पाने के लिए Rajasthan News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — तेज़ और विश्वसनीय राज्य समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Read more Articles on

Recommended Stories

जयपुर के मशहूर स्कूल पर IT रेड: करोड़ों कैश मिला-मशीन से गिने गए नोट
हनुमानगढ़ में क्यों हो रहा बवाल : घर छोड़कर भागे लोग, पुलिस ने दागे गोले-इंटरनेट बंद