आरएएस प्री परीक्षा एक अक्टूबर को, नकल करते पकड़े गए तो 10 करोड़ जुर्माना

राजस्थान में पहली बार सरकारी परीक्षाओं में बड़ा बदलाव किया गया है। इस बार नियमों में बदलाव के साथ नकल पर सख्ती के लिए भी कड़े कदम उठाए गए हैं।  

जयपुर। राजस्थान में पिछले करीब 3 सालों में एक के बाद एक पेपरलीक के कई मामले होने के बाद सरकार और प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। अब राजस्थान में सरकारी परीक्षाओं का फॉर्मेट पूरी तरह से बदल रहा है। राजस्थान में अक्टूबर में होने जा रही आरएएस प्री एग्जाम में यह बदलाव देखने को भी मिलेगा। नए नियमों के मुताबिक यदि कोई कैंडिडेट नकल करते हुए पकड़ा जाता है तो उसपर 10 करोड़ रुपए तक का जुर्माना लग सकता है।

एक सवाल के जवाब के लिए मिलेंगे पांच विकल्प
1 अक्टूबर को आरएएस प्री परीक्षा होना प्रस्तावित है। इस बार परीक्षा में करीब 6 लाख 97 हजार 51 स्टूडेंट परीक्षा देंगे। परीक्षा में सबसे बड़ा बदलाव यह होने जा रहा है कि हर बार जहां स्टूडेंट को किसी क्वेश्चन का आंसर देने के लिए चार विकल्प दिए जाते थे, अब पांच कर दिया गया है। 

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यदि स्टूडेंट को उस क्वेश्चन का आंसर नहीं पता और वह उसका जवाब नहीं देना चाहता तो पांचवे ऑप्शन पर टिक कर सकता है। हालांकि यदि 10 से ज्यादा सवालों में उसने ऐसा कर दिया तो वह परीक्षा से अयोग्य ठहरा दिया जाएगा।

नकल करते पकड़े जाने पर जुर्माना
लगातार पेपर लीक के बाद सरकार ने साल 2022 में एक विधेयक पास किया था। ऐसे में यदि अब कोई पेपर के दौरान नकल करते हुए पकड़ा जाता है तो उसे 10 करोड़ का जुर्माना देना होगा या फिर आजीवन कारावास जैसी सजा मिलेगी।

परीक्षा को लेकर किए कई बदलाव
हर बार जहां पेपर 1 दिन पहले परीक्षा केद्रों पर पहुंच जाते थे उसमें भी बदलाव कर दिया गया है। अब पेपर परीक्षा शुरू होने के आधे घंटे पहले ही संबंधित जिला मुख्यालय पर बनाए गए कंट्रोल रूम से परीक्षा केंद्र तक पहुंचाए जाएंगे। परीक्षा केंदों की वीडियोग्राफी करवाई जाएगी जिसकी मॉनिटरिंग राजस्थान पुलिस का स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप करेगा।

तीन दिन पहले मिलेगा प्रवेश पत्र
अभ्यर्थियों को परीक्षा से केवल तीन दिन पहले प्रवेश पत्र मिल सकेंगे। परीक्षा में शामिल हुए कैंडिडेट्स परीक्षा पूरी होने के बाद संबंधित एग्जामिनर को अपनी ओएमआर शीट सौंप देंगे। हालांकि कार्बन कॉपी कैंडिडेट को दी जाएगी जिसे वह अपने साथ ले जा सकेंगे। हालांकि यदि आयोग वह कार्बन कॉपी मांगता है तो स्टूडेंट को उसे वह सौंपनी होगी। ऐसे में स्टूडेंट को कार्बन कॉपी संभाल कर रखनी होगी।

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