
जयपुर. जयपुर के ऐतिहासिक रामनिवास बाग और अल्बर्ट हॉल चूहों के बढ़ते आतंक से जूझ रहे हैं। इन दोनों स्थलों की सुंदरता और संरचना को चूहों की बड़ी संख्या ने गंभीर रूप से प्रभावित किया है। चूहों ने बाग की जमीन को खोदकर असंख्य बिल बना लिए हैं, जिससे अल्बर्ट हॉल की नींव भी खतरे में पड़ गई है।
चूहों से निपटने के लिए सरकार ने बनाया तगड़ा प्लान
जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने इस समस्या से निपटने के लिए सोमवार से दो दिवसीय अभियान शुरू किया है। इस दौरान रामनिवास बाग और अल्बर्ट हॉल सोमवार और मंगलवार के लिए बंद रहेंगे। जेडीए के अधिकारियों का कहना है कि चूहों को नियंत्रित करने के लिए बड़े पैमाने पर कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जाएगा। इस अभियान में चूहों के बिलों को भी भरा जाएगा ताकि उनकी संख्या पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सके।
चूहों की संख्या इतनी कि दूसरे स्टेट के लोग भी डरे
जेडीए के सचिव निशांत जैन ने बताया कि इस उद्यान की देखरेख और चूहा नियंत्रण गतिविधियों के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है। पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के निदेशक पंकज धरेन्द्र ने बताया कि पिछले कुछ समय से चूहों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि इससे न केवल पर्यटकों बल्कि आम लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बिल्लियों-कुत्तों और बाज से भी नहीं डरते चूहे
बताया जा रहा है यहां हजारों की संख्या में चूहों के बिल हैं , जिसमें बहुत बड़ी संख्या में चूहे रहते हैं। वह इतने निडर हो गए हैं कि बिल्लियों , कुत्तों और बाज के भी काबू में नहीं आ पाए । इसी कारण अब उन्हें रासायनिक तरीके से मारने और भगाने की तैयारी शुरू की गई है । चूहों के खिलाफ इस अभियान से अब आसपास रहने वाले लोग चिंता में आ गए हैं। उनका मानना है कि यह चूहे मरेंगे नहीं उल्टा वहां से भाग कर हमारे घरों में घुस जाएंगे।
1868 में हुआ था रामनिवास बाग का निर्माण
इस स्थल पर प्रतिदिन लगभग 1500-2000 पर्यटक आते हैं, और आने वाले समय में इनकी संख्या में वृद्धि होने की उम्मीद है। रामनिवास बाग का निर्माण 1868 में तत्कालीन महाराजा सवाई रामसिंह ने किया था और अल्बर्ट हॉल भवन की आधारशिला 'प्रिंस ऑफ वेल्स' ने 1876 में रखी थी।
इस वजह से बढ़ी चूहों की संख्या
बाग के आसपास के वातावरण को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों ने बताया कि चिड़ियाघर, पक्षी उद्यान और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों का भी ध्यान रखा जा रहा है। चूहे, खासकर खाने की वजह से, बाग के खोमचे वालों और पक्षियों को दाना खिलाने वालों के कारण बढ़ रहे हैं। इस समस्या को हल करने के लिए इस अभियान का संचालन अत्यंत आवश्यक था।
राजस्थान की राजनीति, बजट निर्णयों, पर्यटन, शिक्षा-रोजगार और मौसम से जुड़ी सबसे जरूरी खबरें पढ़ें। जयपुर से लेकर जोधपुर और उदयपुर तक की ज़मीनी रिपोर्ट्स और ताज़ा अपडेट्स पाने के लिए Rajasthan News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — तेज़ और विश्वसनीय राज्य समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।