Aurangzeb News : औरंगजेब को सबसे क्रूर मुगल शासक बताया जाता है। उसने हिंदुओं के कई देवी-देवताओं के मंदिरों की तोड़-फोड़ की है। लेकिन एक मंदिर ऐसा है, जहां औरंगजेब ने घुटने टेके थे और चांदी का छत्र भी चढ़ाया था।
सीकर. कुछ ही दिनों में चैत्र नवरात्रि शुरू (chaitra navratri shuru) होने जा रही है। इसको लेकर मां दुर्गा के मंदिरों में तैयारी जारी है। सीकर जिले में स्थित जीण माता मंदिर (jeen mata mandir) में भी इस दौरान 9 दिन मेला आयोजित होगा। इस दौरान लाखों लोग यहां दर्शन करने के लिए आएंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह राजस्थान का यह इकलौता ऐसा मंदिर है जहां मुगल राजा औरंगजेब (Aurangzeb) ने भी अपने घुटने टेक दिए थे।
दरअसल यह मंदिर सीकर जिला मुख्यालय से करीब 20 से 22 किलोमीटर दूर स्थित है। पुरानी मान्यता के अनुसार जब औरंगजेब और उसकी सेना अपनी मंदिर तोड़ो नीति के तहत देश के अलग-अलग मंदिरों में तोड़फोड़ कर रही थी तो वह सीकर के जीण माता मंदिर पहुंचे। इसी दौरान मंदिर के पुजारी ने माता से मदद के लिए प्रार्थना की। जीणमाता में भंवरा मक्खियों ने औरंगजेब और उसकी फौज पर हमला कर दिया। ऐसे में औरंगजेब और उसकी सेना वहां से मंदिर को बिना तोड़े ही चली गई।उसके बाद औरंगजेब के द्वारा दिल्ली दरबार से माता की दिव्यज्योत के लिए तेल भेजने की परंपरा शुरू की गई।
इतिहासकार बताते हैं कि जीणमाता मंदिर में तोड़फोड़ की कोशिश के बाद औरंगजेब परेशान रहने लगा और उसे कुष्ठ रोग हो गया। इसलिए उसने जीणमाता से मन्नत मांगी कि माता उसका रोग ठीक कर दे तो वह मंदिर में चांदी का छत्र चढ़ाएगा। इसके बाद औरंगज़ेब ठीक हो गया तो उसने माता के दरबार में चांदी का छत्र चढ़ा दिया। आज भी मंदिर में वह छत्र लगा हुआ है।
मेले के दौरान यहां पर केवल राजस्थान ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्य हरियाणा और आसपास के राज्यों से भी दर्शन करने के लिए श्रद्धालु आते हैं। यहां मेले के दौरान करीब 500 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाते हैं। इसके साथ ही पूरा मेला सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में रहता है।