राजस्थान के इस गांव की कहानी 'स्वदेश' मूवी की दिला देगी याद, जहां बिजली पहुंचने में लग गए 76 साल

आज जहां इलेक्ट्रिसिटी इतनी जरूरी हो गई है कि इसके बिना जीना मुश्किल लगे। लेकिन राजस्थान का ऐसा गांव जहां आजादी के बाद बिजली पहुंचने में 76 साल लग गए है। जैसे ही गांव में बिजली पहुंची तो गांववाले इतने खुश हुए की घंटों तक नाचते गाते रहे।

सिरोही (sirohi News). राजस्थान के सिरोही शहर से बड़ी खबर है। सिरोही जिले के अंतिम छोर पर स्थित आदिवासी गांव में आखिर बिजली पहुंच गई है। इस गांव में बिजली पहुंचने में पूरे 76 साल का समय लग गया। लेकिन अब जब बिजली पहुंची तो गांव वाले इतना खुश हुए कि घंटों तक नाचते गाते खुशी मनाते रहे। पूरे गांव के लिए पकवान बनाए गए। गांव में आने वाले मेहमानों के लिए पकवान बनाए गए। जब गांव वालों ने अपने घरों में बिजली के बल्ब जलाएं तो वह भावुक हो गए। अब गांव वालों की इच्छा मोबाइल टावर लगाने की है, ताकि वे लोग देश दुनिया से जुड़ सकें और उनके बच्चे आगे बढ़ सके। गांव का नाम बोकी भागली गांव है।

सीकर के इस गांव में बिजली आने में लगे 76 साल

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स्थानीय विधायक संयम लोढ़ा ने बताया की शहर से गांव तक बिजली लाने में ही करीब 4 साल लग गए। इसके लिए पहाड़ नदियां आदि का सामना करना पड़ा। पहाड़ों को काटकर बिजली की तार गांव तक पहुंचाए गए। संयम लोढ़ा ने कहा कि 2018 में जब एक गांव में वोट मांगने आए थे। तब उन्होंने वादा किया था कि वह गांव वालों तक बिजली जरूर पहुंचेंगे, चाहे इसके लिए कुछ भी करना पड़ जाए । उन्होंने मुख्यमंत्री के सामने उसका बजट बताया तो मुख्यमंत्री भी दंग रह गए, लेकिन गांव वालों से किया गया वादा निभाया गया और भारी बजट के बाद भी गांव में बिजली पहुंचाई गई।

सीकर के इस आखिरी गांव में अभी भी कई सुविधाओं की कमी

गांव में करीब 12 सौ से ज्यादा लोग रहते हैं , जो अपने दैनिक कामों के लिए बैटरी और अग्नि का प्रयोग करते हैं। गांव में बहुत कम लोगों के पास मोबाइल फोन है क्योंकि मोबाइल फोन पर बात करने के लिए गांव में ऊंची चोटियों पर जाना पड़ता है। लैंडलाइन फोन गांव वालों ने देखा ही नहीं है। ना गांव में किसी के घर में लैंडलाइन फोन है। टीवी , फ्रिज गांव के कुछ एक घर में है, जो कभी कबार ही काम में लिए जाते हैं।

गांव में जैसे ही बिजली आई जश्न मनाने लगे ग्रामीण

अब गांव के लोग चाहते हैं कि गांव में मोबाइल टावर भी लग जाए ताकि कलेक्टिविटी आसान हो सके। संयम लोढ़ा ने कहा कि गांव में जो मकान बने हुए हैं उनमें बिजली की वायरिंग दे रखी है, लेकिन उनमें बिजली नहीं थी। लोगों को उम्मीद थी कि बिजली जरूर आएगी और आखिर यह उम्मीद पूरी हो गई। गांव में जब बिजली की सप्लाई के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया , इस कार्यक्रम में सिरोही जिले के कलेक्टर , एसपी , बिजली विभाग के अधिकारी और अन्य लोग मौजूद थे ।

बिजली आने के बाद तेज आवाज में गांव वालों ने डीजे बजाया और आदिवासी तरीके से डांस किया। गांव में जल्दी अब बिजली के मीटर भी लगाने की तैयारी शुरू कर दी गई है । गांव के नजदीक ही बिजली विभाग का एक छोटा कार्यालय भी बनाया जाएगा, ताकि ग्रामीणों को बिजली से संबंधित किसी तरह की परेशानी ना हो।

बिजली आते ही इस तरह जश्न मनाने लगे लोग…

 

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