
बीकानेर (राजस्थान). सोशल मीडिया पर चर्चा चल रही है कि हल्दीराम भुजिया कंपनी जल्द ही रतन टाटा खरीदने वाले हैं। यह डील 10 अरब डॉलर की होने वाली है। बुधवार से सोशल मीडिया पर यह चर्चा चल रही है , लेकिन अभी चर्चा पर विराम लग गया है। टाटा ग्रुप आफ कंपनी की ओर से प्रवक्ता ने कहा है कि वे कंज्यूमर प्रोडक्ट की किसी भी कंपनी को लेकर कोई टिप्पणी नहीं करने वाले हैं । ना ही इस मामले में हल्दीराम भुजिया की ओर से किसी तरह का बयान सामने आया है।
हल्दीराम के देशभर में 150 से ज्यादा रेस्टोरेंट
दरअसल, हल्दीराम के राजस्थान ही नहीं देशभर में 150 से ज्यादा रेस्टोरेंट है और यह 80000 करोड़ से भी ज्यादा की कंपनी बताई जाती है। हल्दीराम की शुरुआत आजादी से पहले की है। राजस्थान के बीकानेर जिले में रहने वाले अग्रवाल परिवार भीकाराम अग्रवाल ने इसकी शुरुआत की थी । भीकाराम की बेटी जब शादी करके अपने ससुराल गई थी, तब वहां से उन्होंने भुजिया बनाना सीखा था। उसके बाद जब वे कुछ दिन के लिए अपने पीहर लौटी तो उन्होंने अपने पिता और भाई को इस बारे में बताया और इस तरह की नमकीन बनाना शुरू किया गया।
हल्दीराम से पहले इसका नाम था डूंगर सेव
भीकाराम अग्रवाल ने नमकीन बनाने के बाद ग्राहकों से इसका रिव्यू भी लिया और जैसे-जैसे रिव्यू मिलते गए वैसे-वैसे नमकीन का स्वाद बदलता चला गया। कहा जाता है कि जब दुकान अच्छी चलने लगी तो हल्दीराम अग्रवाल ने अपने भुजिया का नाम बीकानेर के महाराज के नाम पर डूंगर सेव रख दिया। लेकिन कुछ दिन के बाद यह और नाम अपने आप बदलने लगा और लोगों को पता था कि यह हल्दीराम के द्वारा बनाई गई भुजिया है ,इसलिए इसका हल्दीराम नाम दिया गया। तब से लेकर अब तक कंपनी ने पूरे देश में अपनी छाप छोड़ी है।
देश की टॉप नमकीन कंपनी है हल्दीराम
बताया जाता है कि बीकानेर के ही एक और भुजिया कंपनी से बड़ा कारोबार हल्दीराम का है। लेकिन अब इस कंपनी के 51 फ़ीसदी शेयर रतन टाटा के द्वारा खरीदने का मामला सामने आया है, हालांकि रतन टाटा और हल्दीराम दोनों ही कंपनियों ने इस बारे में कोई बयान जारी नहीं
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