
जैसलमेर. राजस्थान के जैसलमेर जिले के कलेक्टर प्रताप सिंह इन दिनों चर्चा में हैं। हाल ही में उनको हाईकोर्ट में अपने एक काम के लिए माफी मांगनी पड़ी। मामला जमीन से जुड़े कोर्ट के एक आदेश का था। प्रताप सिंह नाथावत उन युवा आईएएस अधिकारियों में से हैं, जिन्होनें मेहनत के दम पर पहले ही प्रयास में यूपीएससी क्रेक कर डाली। उनकी सफलता की कहानी भी बेहद रोचक है।
प्रताप सिंह 2016 बैच के अफसर हैं और बेहद शांत एवं सौम्य हैं। 35 वर्षीय प्रताप सिंह मूल रूप से जयपुर के रहने वाले हैं। उन्होंने 2014 में आईआईटी कानपुर से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एमटेक की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में नौकरी भी की, लेकिन प्रशासनिक सेवा में योगदान देने की इच्छा ने उन्हें इस राह पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर पूरी तरह यूपीएससी की तैयारी में जुटने का साहसिक निर्णय लिया। स्पेस इंजीनियर जॉब में उनकी सैलेरी लाखों रुपए थी।
प्रताप का मानना है कि इंजीनियरिंग में मिली सोचने और विश्लेषण करने की क्षमता ने उन्हें प्रशासनिक सेवाओं के लिए मानसिक रूप से तैयार किया। उनका कहना है कि तकनीकी ज्ञान, रणनीतिक योजना और समय प्रबंधन जैसे कौशल प्रशासनिक सेवा में भी उतने ही उपयोगी साबित होंगे।
प्रताप बचपन से ही मेधावी छात्र रहे। उन्होंने कक्षा 10वीं में 95 और 12वीं में 86 प्रतिशम अंक प्राप्त किए। आईआईटी प्रवेश परीक्षा में भी उन्होंने 1314वीं रैंक हासिल की थी। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने गणित और संस्कृत दोनों विषयों में 100 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। जिस पर यूपीएसी साक्षात्कार में उनसे सवाल भी पूछा गया। अपने शौक के रूप में प्रताप को ऑफबीट फिल्में देखना पसंद है। उनका मानना है कि ऐसी फिल्मों से समाज की गहरी समझ विकसित होती है, जो एक प्रशासनिक अधिकारी के दृष्टिकोण को व्यापक बनाती है।
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