राजस्थान में तंत्र विद्या। राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित रूपवास इलाके में एक अनोखा मामला देखने को मिला है। जहां कुछ लोग शमशान में जलती चिता पर जिंदा मुर्गे की बलि देकर तंत्र विद्या कर रहे थे। इस अजीबो-गरीब घटना में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, रामनगर गांव के रहने वाले लक्ष्मण ने पुलिस को जानकारी दी। उसने कहा-"28 जुलाई को उसके भाई सुंदर का सिलिकोसिस बीमारी से निधन हो गया था। मृत्यु के बाद पहाड़पुर गांव के शमशान में अंतिम संस्कार किया। परिवार वाले पूरी प्रक्रिया करने के बाद घर लौट आए। लेकिन सुंदर का साला कैलाशी रूक गया। उसने देखा चिता के पास पास चार लोग पहुंचे,जो उखाड़ने का काम करने लगे।
सभी ने चिता पर राखी मटकी को फोड़ दिया और चाकू लेकर सुंदर के साले के पीछे दौड़ने लगे। उस वक्त आसपास के खेतों में कई लोग काम कर रहे थे। उन्होंने कैलाशी के चिल्लाने की आवाज सुनी तो तांत्रिक के पीछे भागने लगे। मौके से तीन लोग फरार हो गए लेकिन एक पकड़ा गया।''
हेड कांस्टेबल बच्चू सिंह ने कहा-" मामले को लेकर मृतक सुंदर के भाई लक्ष्मण ने मामला दर्ज करवाया है।एक आरोपी को पकड़ा गया है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।" बता दे कि शमशान में तंत्र विद्या करने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले पिछले साल में महीने में राजस्थान के सीकर जिले के श्रीमाधोपुर क्षेत्र में लोगों ने एक तांत्रिक को शमशान में तंत्र विद्या करते हुए पकड़ा था।
क्या होती है सिलिकोसिस बीमारी?
सिलिकोसिस फेफड़ों की एक बीमारी है, जो धूल के महीन कणों को सांस के माध्यम से अंदर लेने से होती है। सिलिका धूल के कण फेफड़ों में गांठ और निशान बनाने लगते हैं। इसके कारण फेफड़ों की कार्यक्षमता में कमी आ सकती है। पहली बार संपर्क में आने के बाद बीमारी के प्रकट होने में आमतौर पर 5-20 साल लगते हैं।
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