
जयपुर. (Teddy Day 2025 Inspiring story in Rajasthan ) आज टेडी बेयर डे है, यानी उपहार में प्यार के प्रतीक के रूप में टेडी बेयर देने का दिन। साल में यह दिन सिर्फ एक बार आता है, लेकिन राजस्थान की कुछ महिलाएं ऐसी है जो पूरे साल टेडी बेयर के साथ रहती है । यह उनकी आजीविका का साधन है । इन महिलाओं का सफर दिल छू लेने वाला है और संघर्ष से भरा हुआ है। राजस्थान में ऐसे कई जिले हैं जहां सॉफ्ट टॉयज बनाए जाते हैं, जिनमें सबसे ज्यादा टेडी बेयर बनते हैं । इन्हीं में से एक शहर है गंगानगर , वहां स्वयं सहायता समूह की मदद से महिलाएं बिजनेस वूमेन बन रही है।
श्रीगंगानगर जिले के छोटे से गाँव साधुवाली में रहने वाली कई महिलाएं इस नए काम से जुड़ गई है। पहले वह हर महीने दो से ₹3000 बहुत मुश्किल से कम पाती थी, लेकिन अब उनकी कमाई के आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं ।इनमें से एक महिला जिसका नाम इंदिरा है उसकी कहानी संघर्ष से भरी हुई है। इंद्रा, 39 वर्षीय दो बच्चों की माँ, कभी स्कूल नहीं गईं। 13 साल की उम्र में शादी हो गई और उनके पति की आमदनी मुश्किल से ₹5,000 महीने तक पहुँचती थी। गरीबी ने उन्हें घर से बाहर काम करने के लिए प्रेरित किया।
एक दिन, जब वे राशन कार्ड की गलती ठीक कराने पंचायत समिति पहुँचीं, तो वहाँ चल रहे हस्तकला प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में पता चला। बिना औपचारिक शिक्षा के यह प्रशिक्षण उनके लिए किसी सुनहरे मौके से कम नहीं था। वहां से प्रशिक्षण लेने के बाद इंदिरा ने घर से ही काम शुरू किया और कपड़ों की मदद से सॉफ्ट टॉयज बनाना स्टार्ट कर दिया। हालांकि कुछ महीनो तक तो एक भी खिलौना नहीं बिका , लेकिन बाद में इंदिरा को पता चला सरकार आंगनबाड़ी केदो के लिए सॉफ्ट टॉयज खरीद रही है, उसने स्थानीय अधिकारियों से संपर्क किया और उसके बाद इंदिरा का बिजनेस चल निकला। इंदिरा को देखकर अन्य महिलाओं ने भी काम शुरू किया।
इसकी जानकारी मुख्यमंत्री रहे अशोक गहलोत तक पहुंची । उन्होंने भी महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। उसके बाद इंदिरा और उनकी टीम ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। अधिकारियों ने जो भी सॉफ्ट टॉयज बताएं , उन्होंने बनाना शुरू किया और उसके बाद सोशल मीडिया मिले और अन्य माध्यमों की मदद से इन्हें बेचना शुरू कर दिया। फिलहाल इंदिरा और उसकी टीम में करीब 25 से 30 महिलाएं हैं। जो हर महीने अच्छी कमाई करती हैं। उन्हें अब अन्य शहरों से भी आर्डर मिल रहे हैं और टेडी बेयर के कारण वह पूरी तरह से आत्मनिर्भर बन चुकी हैं । यह राजस्थान के कई गांव की कहानी है ।
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