पाली में वंदे भारत ट्रेन हादसा: ऊंटों से टकराया इंजन, यात्रियों में मची चीख पुकार

Published : Aug 02, 2025, 05:07 PM IST
Vande Bharat train accident

सार

अहमदाबाद से जोधपुर आ रही वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन हादसे का शिकार हो गई। अजमेर मंडल के मोरी बेड़ा स्टेशन के पास ट्रेन अचानक दो ऊंटों से टकरा गई, जिससे उसके इंजन का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।  

अहमदाबाद से जोधपुर आ रही वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन शुक्रवार रात एक अप्रत्याशित हादसे का शिकार हो गई। अजमेर मंडल के मोरी बेड़ा स्टेशन के पास ट्रेन अचानक दो ऊंटों से टकरा गई, जिससे उसके इंजन का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि इंजन का कैटल गार्ड (सामने का स्टील कवर) टूटकर बिखर गया और ट्रैक पर खून के धब्बे फैल गए।

वंदे भारत में बैठे यात्रियों में मची अफरा तफरी

घटना पाली जिले के पास की है, जहां किमी संख्या 528/10 के समीप यह दुर्घटना हुई। जैसे ही टक्कर हुई, ट्रेन अचानक झटका खाकर रुक गई और करीब 15 से 20 मिनट तक वहीं ठहर गई। झटका लगने से कोचों में बैठे यात्री घबरा गए और कई यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई।

वंदे भारत ट्रेन का कैसे हुआ हादसा? 

प्रत्यक्षदर्शियों और यात्रियों के अनुसार, ट्रेन फालना की ओर बढ़ रही थी, तभी ट्रैक पर अचानक दो ऊंट आ गए। तेज रफ्तार से आ रही वंदे भारत ट्रेन के चालक के पास ब्रेक लगाने का समय नहीं था और सीधा टक्कर हो गई। हादसे में ऊंटों की मौके पर ही मौत हो गई। इंजन का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे कैटल गार्ड टूटकर अलग हो गया और गहरा गड्ढा बन गया।

मरम्मत के लिए भेजा गया इंजन 

  •  हादसे के बाद प्रारंभिक जांच के बाद ट्रेन को आगे रवाना किया गया, लेकिन क्षतिग्रस्त इंजन को मरम्मत के लिए जयपुर भेजा गया। रेलवे ने वंदे भारत ट्रेन के संचालन को दूसरी ट्रैक पर शिफ्ट कर दिया, ताकि यात्रियों की सुविधा में कोई व्यवधान न आए।
  • यात्रियों की पुष्टि हालांकि रेलवे अधिकारी इस घटना पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं, लेकिन ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों ने हादसे की पुष्टि की है। ट्रेन में सवार कुछ मेक्सर्स और अन्य यात्रियों ने भी बताया कि इंजन और कोच के बीच कुछ समय के लिए दरवाजे खुले, जिससे कुछ लोग नीचे उतर गए।

ट्रेन के ऐसे हादसे पहले भी हो चुके हैं 

रेलवे के इतिहास में यह पहली घटना नहीं है जब वंदे भारत ट्रेन मवेशियों या जानवरों से टकराई हो। पहले भी इस तरह की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सेमी हाई-स्पीड ट्रेनों के लिए मवेशियों से टकराव एक बड़ी चुनौती है। रेलवे ट्रैक के किनारे बाड़ लगाने और पशुपालकों को जागरूक करने जैसे प्रयास किए जा रहे हैं।

क्यों बार-बार टकराती हैं ट्रेनें मवेशियों से?

  • वंदे भारत जैसी सेमी हाई-स्पीड ट्रेनों के लिए रेलवे ट्रैक पर मवेशी बड़ा खतरा बने हुए हैं।
  • राजस्थान, गुजरात व आस-पास के क्षेत्रों में अक्सर रेलवे ट्रैक खुले मैदानों से होकर गुजरते हैं, जिससे ऊंट, गाय, भैंस, आदि जानवर ट्रैक पर आ जाते हैं।
  • पहले भी वंदे भारत समेत कई ट्रेनों की मवेशियों से टक्कर की घटनाएं हो चुकी हैं।
  • रेलवे प्रशासन ट्रैक किनारे फेंसिंग, पशुपालकों में जागरूकता व सुरक्षा प्रयास चला रहा है, लेकिन बड़ी चुनौती बनी हुई है।

विशेषज्ञों की राय और आगे की चुनौती

  • जानवरों से टकराव की घटनाएं भारत में रेलवे सुरक्षा के लिए गंभीर मुद्दा हैं।
  • सेमी हाई-स्पीड या हाई-स्पीड लाइन के किनारे घनी फेंसिंग, पशु चेतावनी सिग्नल और स्थानीय स्तर पर जागरूकता आवश्यक।
  • ऐसे हादसों से बचाव के लिए रेलवे को व्यापक और तकनीकी उपायों की जरूरत है, ताकि भविष्य में बड़ी जनहानि या रेल संचालन बाधित न हो सके।

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