जयपुर हादसे में 14 मौत का जिम्मेदार कौन? न ट्रक ड्राइवर ना ही ब्लास्ट वाला टैंकर

जयपुर-अजमेर हाइवे पर हुए गैस टैंकर विस्फोट में 14 लोगों की मौत पर जनता का गुस्सा फूटा। NHAI की लापरवाही और अधूरे प्रोजेक्ट्स को हादसे का जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

जयपुर (राजस्थान). जयपुर-अजमेर नेशनल हाइवे पर हुए गैस टैंकर विस्फोट हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस दर्दनाक घटना में 14 लोगों की मौत हो गई और 45 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घटना पर संवेदना प्रकट करते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोशल मीडिया पर शोक संदेश जारी किया। लेकिन उनकी इस संवेदना पर जनता का गुस्सा फूट पड़ा।

NHAI को ठहराया हादसे का जिम्मेदार

सोशल मीडिया पर लोग खुलकर अपनी नराज़गी जाहिर कर रहे हैं। अधिकांश लोगों का कहना है कि हादसे के पीछे नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की लापरवाही जिम्मेदार है। जयपुर-अजमेर हाइवे पर क्लोवर लीफ कट का निर्माण लंबे समय से लंबित है। एक यूजर ने लिखा, "रिंग रोड पर क्लोवर लीफ कट नहीं बनने के कारण आए दिन हादसे होते हैं। NHAI की इस असंवेदनशीलता ने कई जिंदगियां खत्म कर दीं।"

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हादसों को रोकने में नाकामी लोगों ने गडकरी के पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए सवाल किया कि हादसे के मूल कारणों पर ध्यान क्यों नहीं दिया जाता। एक यूजर ने लिखा, “सिर्फ संवेदना प्रकट करना काफी नहीं है। क्या आपने हादसों को रोकने के लिए कभी कोई ठोस कदम उठाया? हाइवे पर यू-टर्न की अनियमितता और अधूरे प्रोजेक्ट्स के कारण लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं।” अधूरे प्रोजेक्ट्स बने हादसे का कारण लोगों ने गडकरी और NHAI पर अधूरे प्रोजेक्ट्स को लेकर भी निशाना साधा। एक यूजर ने लिखा, "आप नए प्रोजेक्ट्स की घोषणा करते रहते हैं, लेकिन पुराने प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा नहीं करते। अगर क्लोवर लीफ कट समय पर बन गया होता, तो शायद यह हादसा नहीं होता।"

इन्हें मौत ते नहीं टोल वसूल से है मतलब

कई लोगों ने आरोप लगाया कि मंत्रालय की प्राथमिकता केवल टोल वसूली है। एक अन्य यूजर ने लिखा, "हाइवे पर ट्रकों की अनियमितता, रफ ड्राइविंग और गलत दिशा में वाहन चलाने जैसे मामलों पर कोई ध्यान नहीं है। प्रशासन की जवाबदेही सिर्फ टोल वसूलने तक सीमित है।" जनता ने सरकार को सुझाव भी दिए। एक यूजर ने लिखा, "हाइवे पर विशेष पुलिस व्यवस्था होनी चाहिए जो ओवरलोडिंग, स्पीड नियंत्रण और शराब के सेवन जैसे मामलों पर निगरानी रखे। हाइवे पर शराब बिक्री पर प्रतिबंध लगना चाहिए और ट्रैफिक नियमों का कड़ाई से पालन करवाया जाना चाहिए।"

मंत्रालय की लापरवाही भी आई सामने

यह हादसा केवल एक घटना नहीं, बल्कि प्रशासन और मंत्रालय की लापरवाही का परिणाम है। जनता का आक्रोश बताता है कि हाइवे की सुरक्षा में सुधार और प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा करना अब बेहद जरूरी हो गया है।

 

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