
मऊ: यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान जनसभा में अधिकारियों को धमकी देने वाले आरोपी विधायक अब्बास अंसारी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। अब्बास अंसारी की ओर से दी गई अर्जी को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सीजेएम एमपी/एमएलए कोर्ट में जमानत को लेकर यह अर्जी दी गई थी। इस अर्जी पर सीजेएम श्वेता चौधरी ने अब्बास के अधिवक्ता और सहायक अभियोजन अधिकारी रविंद्र प्रताप यादव के तर्कों को सुना। इसी के साथ केस डायरी का अवलोकन करने के बाद इस अर्जी को खारिज कर दिया गया। यह पूरा मामला शहर कोतवाली क्षेत्र का है।
चुनाव के दौरान दिया गया था बयान
गौरतलब है कि यह एफआईआर एसआई गंगाराम बिंद की तहरीर पर शहर कोतवाली में दर्ज की गई थी। इसमें सदर विधायक अब्बास अंसारी और अन्य को आरोपी बनाया गया था। आरोप है कि 3 मार्च 2022 को विधानसभा चुनाव के दौरान अब्बास ने खुले मंच से धमकी दी थी। सदर विधानसभा सीट पर सुभासपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने के दौरान उन्होंने पहाड़पुर चौराहे पर जनसभा में मऊ प्रशासन को धमकी दी थी। खुले मंच से सबक सिखाने और हिसाब किताब करने की बात को कहा गया था। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। अब्बास को पकड़ने में भी पुलिस को मशक्कत का सामना करना पड़ा था।
कम होती नहीं दिख रहीं अब्बास की मुश्किलें
पुलिस ने इस मामले की विवेचना की और धारा 506, 171 एफ,186,189,153 ए, 120 बी भादवि में आरोप पत्र दाखिल हुआ। यह आरोप पत्र सदर विधायक अब्बास अंसारी, उनके भाई उमर अंसारी, इलेक्शन एजेंट, गाजीपुर जनपद के पुरानी कचहरी यूसुपुर मुहम्मदाबाद निवासी मंसूरी अंसारी आदि के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया गया। इसी मामले में जमानत को लेकर याचिका दाखिल की गई थी। हालांकि इस याचिका को सीजेएम श्वेता चौधरी ने सुनने ने सुनने के बाद खारिज कर दिया। जिसके बाद यह माना जा रहा है कि आने वाले समय में भी अब्बास अंसारी की मुश्किलें कम नहीं होंगी।
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