आगरा: मिट्टी में मिल गई जीवन भर की कमाई, लोग बोले- प्रशासन से मिल रहे मकान को कैसे बनाएंगे घर

आगरा में बिल्डिंग गिरने के बाद क्षतिग्रस्त हुए मकानों को प्रशासन की ओर से ढहा दिया गया है। इसके बाद लोगों की नाराजगी सामने आ रही है। उनका कहना है कि उनकी जीवनभर की कमाई मलबे में दफन हो गई है।

Contributor Asianet | Published : Feb 2, 2023 6:20 AM IST

आगरा: टीला माईथान में बेसमेंट में खुदाई के कारण क्षतिग्रस्त हुए मकानों को तोड़ने का काम जारी है। इस काम में नगर निगम के द्वारा पहले मजदूरों की मदद ली गई। हालांकि बाद में जेसीबी से मकानों को ध्वस्त कर दिया गया। रात के अंधेरे में मकानों को तोड़ने पर आसपास के लोगों ने आपत्ति भी जताई। इसी के साथ मकान मालिकों का कहना था कि घर के अंदर उनका सामान रखा हुआ है और प्रशासन ने दिन में उनकी मौजूदगी में मकान तोड़ने की बात कही थी। हालांकि इस बात अनसुना कर नगर निगम में मकानों को तोड़ने का सिलसिला जारी रखा।

देर रात जेसीबी की मदद से गिरवाए घर

गौरतलब है कि आगरा में 26 जनवरी को सिटी स्टेशन रोड पर राय विशंभर दयाल धर्मशाला में बेसमेंट में खुदाई के दौरान 6 मकान ढह गए थे। इस बीच एक बच्ची की मौत भी हो गई थी। इसके बाद ही नगर निगम ने 10 क्षतिग्रस्त मकानों को ढहाने का फैसला लिया था। नगर निगम की ओर से पहले मजदूरों की मदद से मकान तुड़वाए गए। देर शाम तक मजदूर तक काम लिए जाने के बाद रात में जेसीबी को मंगवाया गया।

'प्रशासन से मिले मकान को कैसे बनाए घर'

धर्मशाला की तरफ से जेसीबी ने मकानों को तोड़ा। इस बीच स्थानीय लोगों की नाराजगी भी देखने को मिली और उन्होंने आपत्ति भी जताई। प्रशासन की ओर से तमाम बातों को अनसुना कर मकानों को तोड़ दिया गया। इसके चलते लोगों का सामान वहीं पर मलबे और मिट्टी में दफन हो गया। लोगों का कहना था कि उनकी जिंदगी भर की कमाई पलभर में दफन कर दी गई। उन्होंने सालों तक एक-एक रुपया जोड़कर घर बनाया था लेकिन अब उनके पास कुछ भी नहीं बचा है। यहां तक घर में रखा सोना, चांदी, पैसा और बर्तन तक उस मलबे में दफन हो गए हैं। पीड़ितों ने बताया कि प्रशासन की ओऱ से डूडा में मकान दिए जाने की बात कही जा रही है। हालांकि उस मकान को घर कैसे बनाए जब हमारा सारा सामान ही मलबे में दब गया है। पानी पीने और खाना खाने को बर्तन तक नहीं बचे हैं। जो तन पर है सिर्फ वही कपड़े रह गए हैं।

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