
जिस बेटी को मां ने अपनी गोद में सुलाया, पिता ने उंगली पकड़कर चलना सिखाया, उसी बेटी को उसके ही मां-बाप ने तड़पा-तड़पा कर मौत के घाट उतार दिया। आगरा से सामने आया यह मामला न सिर्फ रिश्तों को शर्मसार करता है, बल्कि इंसानियत को भी झकझोर देता है। रिटायर्ड दारोगा रणवीर सिंह यादव ने अपनी ही बेटी अंशु यादव की हत्या की जो कहानी पुलिस को बताई, उसे सुनकर जांच में जुटे अफसर भी सन्न रह गए।
पुलिस जांच में सामने आया है कि अंशु यादव का कसूर सिर्फ इतना था कि वह प्रेम में पड़ गई थी। उसने अपने ही रिश्ते के भतीजे अनुराग से प्यार किया और दोनों शादी करना चाहते थे। परिवार को यह रिश्ता मंजूर नहीं था। अंशु को यह आभास हो गया था कि उसका अपना परिवार उसकी जान लेने की साजिश रच रहा है। इसी डर के चलते उसने अपनी हत्या से पहले एक वीडियो अपने प्रेमी को भेजा था, जो अब सामने आया है।
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डीसीपी वेस्ट अतुल शर्मा के अनुसार, पूछताछ में आरोपी पिता रणवीर सिंह यादव ने बताया कि उसने बेटी के गले में दुपट्टा बांधकर उसका गला घोंटा। इस दौरान अंशु की मां ने उसके दोनों पैर पकड़ रखे थे, ताकि वह खुद को बचा न सके। बेटी सांसों के लिए तड़पती रही, लेकिन मां-बाप का दिल नहीं पसीजा।
आरोपी पिता ने पुलिस को बताया कि 24 अक्टूबर को बेटी की शादी को लेकर घर में कहासुनी हुई थी। बात इतनी बढ़ गई कि विवाद हो गया। गुस्से में अंशु ने कह दिया, “मार डालो।” इसी क्षण में मां-बाप आपा खो बैठे और हत्या कर दी। अंशु की चीख सुनकर उसकी छोटी बहन कमरे में आई, लेकिन उसे भी चुप करा दिया गया।
हत्या के बाद रणवीर सिंह यादव ने अपने बेटे को फोन कर बताया कि उन्होंने “अपना काम कर डाला” है। इसके बाद बेटे की मदद से शव को मामा के घर ले जाया गया और मामा-मामी की सहायता से यमुना नदी में फेंक दिया गया।
अंशु के अचानक गायब होने के बाद उसके प्रेमी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उसे तलाशने की मांग की थी। इसके बाद पुलिस सक्रिय हुई। पिता ने शुरू में बेटी के घर से चले जाने की बात कही, लेकिन जांच के दौरान शक गहराता गया। सख्त पूछताछ में राज खुल गया कि अंशु की हत्या पहले ही की जा चुकी है। पुलिस ने रविवार को यमुना नदी के पास झाड़ियों में फंसे शव के अवशेष भी बरामद कर लिए हैं।
अंशु यादव ने अपने आखिरी वीडियो में पिता, मां, भाई-बहन के साथ-साथ बुआ-फूफा और मामा पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था। फिलहाल पुलिस ने पिता रणवीर सिंह यादव, भाई गौरव और मामा सतीश को गिरफ्तार कर लिया है। अंशु की मां और मामी की तलाश जारी है।
अंशु यादव शिक्षिका बनने की तैयारी कर रही थी। परिवार में तीन बेटियां और दो बेटे हैं, लेकिन हैरानी की बात यह रही कि कोई भी अंशु को बचाने आगे नहीं आया। जिन मां-बाप को उसकी सबसे ज्यादा परवाह करनी चाहिए थी, वही उसके कातिल बन गए। यह मामला समाज के सामने एक ऐसा सवाल खड़ा करता है, जिसका जवाब आज भी तलाशा जा रहा है।
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