
Shakti Rasoi Agra: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ‘मिशन शक्ति’ के माध्यम से महिलाओं को सिर्फ सुरक्षा ही नहीं, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के अवसर भी दे रही है। दीनदयाल अंत्योदय योजना–राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत सरकारी कार्यालयों में शुरू की गई ‘शक्ति रसोई’ इस पहल का बेहतरीन उदाहरण है। आगरा नगर निगम परिसर में संचालित शक्ति रसोई आज महिलाओं के सशक्तिकरण की मिसाल बन चुकी है।
नगर निगम परिसर में चल रही शक्ति रसोई ने यह साबित कर दिया है कि सही सहयोग और अवसर मिलने पर महिलाएं सफल उद्यमी बन सकती हैं। यह रसोई न केवल स्वच्छ और किफायती भोजन उपलब्ध करा रही है, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का मजबूत आधार भी दे रही है।
आगरा के कछपुरा क्षेत्र की रहने वाली उषा की कहानी संघर्ष और सफलता का सुंदर उदाहरण है। करीब डेढ़ साल पहले तक उषा के पास आय का कोई साधन नहीं था और परिवार पूरी तरह पति की छोटी नौकरी पर निर्भर था। योगी सरकार की योजनाओं से प्रेरित होकर उषा ने दो अन्य महिलाओं सुनीता और सुमर्थी देवी के साथ मिलकर ‘प्रज्ञा स्वयं सहायता समूह’ का गठन किया। सरकार और नगर निगम के सहयोग से उन्हें शक्ति रसोई के संचालन का अवसर मिला।
उषा बताती हैं कि योगी सरकार और प्रशासन के सहयोग से उन्हें सीएसआर फंड के जरिए फर्नीचर और आधुनिक किचन उपकरण उपलब्ध कराए गए। नगर निगम ने उचित स्थान और जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए, जिससे वे एक व्यवस्थित और साफ-सुथरी कैंटीन चलाने में सफल रहीं। इस तकनीकी और ढांचागत सहायता ने उनके काम को और बेहतर बना दिया।
शक्ति रसोई में चाय, नाश्ता और ‘स्पेशल थाली’ के रूप में शुद्ध और घर जैसा भोजन परोसा जाता है। गुणवत्ता और कम दामों के कारण नगर निगम आने वाले कर्मचारी और आम लोग इसे पसंद कर रहे हैं। उषा के अनुसार, रसोई से हर महीने करीब ₹50,000 की बिक्री होती है, जिससे उन्हें ₹10 से ₹12 हजार की शुद्ध आय मिलती है। इस आय से वह न केवल अपना, बल्कि दो अन्य परिवारों का भी सहारा बन रही हैं।
नगर निगम आने वाले लोग अब बाहर के होटलों की बजाय शक्ति रसोई को प्राथमिकता देते हैं। ग्राहक विजिटर बुक में अपने अनुभव साझा करते हैं। अमित सिंह का कहना है कि यहां का खाना बिल्कुल घर जैसा है और स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा जाता है। वहीं राज कुमार बताते हैं कि शक्ति रसोई की चाय और नाश्ता उनकी पहली पसंद है, साथ ही उषा का व्यवहार और भोजन की गुणवत्ता दोनों ही बेहतरीन हैं।
अपर नगर आयुक्त एवं प्रभारी परियोजना अधिकारी (डूडा) शिशिर कुमार ने इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का उद्देश्य महिलाओं को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है। उनके अनुसार, उषा द्वारा संचालित शक्ति रसोई एक सफल मॉडल है, जिसमें नगर निगम प्रशासन ने स्थान और जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए हैं। सरकार चाहती है कि अधिक से अधिक महिलाएं स्वयं सहायता समूहों के जरिए स्वरोजगार से जुड़ें।
योगी आदित्यनाथ सरकार की यह पहल साबित करती है कि यदि महिलाओं को सही अवसर और संसाधन मिलें, तो वे समाज की आर्थिक तस्वीर बदल सकती हैं। शक्ति रसोई जैसी योजनाएं न सिर्फ स्वादिष्ट और स्वच्छ भोजन उपलब्ध करा रही हैं, बल्कि महिलाओं को आत्मसम्मान, रोजगार और आत्मनिर्भरता की नई दिशा भी दे रही हैं।
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