जिन्होंने छोड़ा हिंदू धर्म, अब नहीं ले सकेंगे SC सुविधा! हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

Published : Dec 03, 2025, 04:18 PM IST
allahabad high court sc benefits after conversion ruling

सार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई या अन्य धर्म अपनाने वाले व्यक्ति को एससी कोटे का लाभ नहीं मिलेगा। कोर्ट ने इसे संविधान के साथ धोखा बताते हुए सभी जिलाधिकारियों को ऐसे मामलों की जांच कर कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धर्मांतरण से जुड़े एक अहम मामले में बड़ा निर्णय सुनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई या किसी अन्य धर्म को अपनाने वाले व्यक्ति को अनुसूचित जाति या जनजाति के लाभ उठाने का अधिकार नहीं है। अदालत ने इस तरह की सुविधाओं को हिंदू समुदाय से जुड़े लोगों तक ही सीमित बताते हुए इसे संविधान की भावना के अनुरूप बताया है।

ईसाई बने हिंदुओं पर होगी कार्रवाई

हाईकोर्ट ने इस पर कड़ा रुख दिखाते हुए कहा कि अगर कोई हिंदू ईसाई धर्म अपना चुका है, लेकिन फिर भी एससी कोटे का लाभ ले रहा है, तो यह संविधान के साथ धोखा है। कोर्ट ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि ऐसे मामलों की जांच की जाए और चार महीने के भीतर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

यह भी पढ़ें: दोस्त ही बने दुश्मन? बाराबंकी के किशोर की निर्मम हत्या, गुप्तांग कटा शव बरामद

याची जितेंद्र साहनी की याचिका खारिज

महाराजगंज जिले के निवासी और इस मामले के याची जितेंद्र साहनी पर आरोप है कि उन्होंने ईसाई धर्म अपनाने के बावजूद खुद को हिंदू बताते हुए एससी का लाभ लिया। हाईकोर्ट ने उनकी दलीलों को खारिज करते हुए डीएम महाराजगंज को तीन महीने के अंदर जांच पूरी कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार, यूपी सरकार और संबंधित विभागों को भी इस संबंध में आवश्यक कदम उठाने का आदेश दिया है।

लाभ के लिए धर्मांतरण को बताया गया ‘फ्रॉड’

हाईकोर्ट ने कहा कि एससी-एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम का उद्देश्य उन वर्गों की सुरक्षा करना है, जिन्होंने जातिगत भेदभाव का सबसे अधिक सामना किया है। इसलिए यदि कोई व्यक्ति ऐसा धर्म अपनाता है, जिसमें जाति व्यवस्था को मान्यता नहीं है, तो वह इन लाभों का हकदार नहीं रह जाता। अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के सी. सेल्वेरानी केस का हवाला देते हुए कहा कि केवल सुविधा पाने के लिए धर्म बदलना और फिर लाभ जारी रखना संविधान के साथ धोखा है।

गंभीर आरोपों से घिरे हैं याची

जितेंद्र साहनी पर गरीब हिंदू परिवारों का धर्म परिवर्तन कराने और हिंदू देवताओं के अपमान के भी आरोप हैं। स्थानीय शिकायतकर्ताओं ने कोर्ट में इसकी पुष्टि की। यह भी कहा गया कि साहनी ने शत्रुता फैलाने वाली गतिविधियों का भी सहारा लिया।

कौन होता है हिंदू? कोर्ट ने दिया कानूनी आधार

हाईकोर्ट ने हिंदू पहचान को परिभाषित करते हुए कहा कि हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, आर्य समाजी आदि उसी श्रेणी में आते हैं। जबकि मुस्लिम, ईसाई, पारसी और यहूदी धर्म मानने वाले हिंदू नहीं माने जाते। इसलिए धर्मांतरण के बाद एससी कोटे का लाभ स्वाभाविक रूप से समाप्त हो जाता है।

कानूनी रास्ता खुला, पर लाभ बंद

हालांकि हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि साहनी चाहे तो अधीनस्थ न्यायालय में डिस्चार्ज की अर्जी दे सकते हैं। लेकिन एससी कोटे की सुविधाएं अब उन्हें किसी भी हाल में नहीं मिलेंगी। यह फैसला भविष्य में ऐसे सभी मामलों के लिए एक सख्त और स्पष्ट दिशा तय करता है।

यह भी पढ़ें: UP Home Guard Salary: उत्तर प्रदेश में होमगार्ड को कितनी सैलरी मिलती है?

PREV

उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Read more Articles on

Recommended Stories

योगी सरकार की बड़ी पहल: मुरादाबाद, रामपुर, अमरोहा और संभल में आध्यात्मिक स्थलों का विकास तेज
CM योगी आदित्यनाथ: पंच प्रण से बनेगा आत्मनिर्भर और विकसित भारत, 2047 का लक्ष्य दोहराया