
लखनऊ की सुबह आज एक अलग गंभीरता के साथ शुरू हुई। आंबेडकर महासभा ट्रस्ट के परिसर में उमड़ी भीड़, नीले रंग के विशाल पंडाल और मंच पर गूंजते गीतों के बीच माहौल बिल्कुल वैसा ही था जैसा बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर होता है,गंभीर, प्रेरणादायी और आत्ममंथन की ओर ले जाने वाला। इसी मंच से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की, जिसने पूरे कार्यक्रम का केंद्र बिंदु बदल दिया।
सीएम योगी ने कहा कि अक्सर कुछ असामाजिक तत्व बाबा साहेब की मूर्तियों को क्षतिग्रस्त करने की कोशिश करते हैं, और यह सिर्फ एक मूर्ति का नुकसान नहीं बल्कि सामाजिक सम्मान और संवैधानिक मूल्यों पर हमला है। इसलिए राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि जहां भी आंबेडकर की मूर्तियां स्थापित हैं, वहां सुरक्षा के लिए पुख्ता बाउंड्रीवाल बनाई जाए। साथ ही सभी मूर्तियों पर छत्र लगाने का भी निर्णय लिया गया है, ताकि उनकी सुरक्षा हर मौसम और हर परिस्थिति में सुनिश्चित हो सके।
सीएम योगी ने इसे सामाजिक सम्मान और ऐतिहासिक विरासत की रक्षा का महत्वपूर्ण कदम बताया।
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कार्यक्रम में डॉ. निर्मल द्वारा कर्मचारियों के उचित मानदेय से जुड़े मुद्दे को उठाए जाने का सीएम योगी ने समर्थन किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस दिशा में कॉरपोरेशन का गठन कर दिया है और अगले एक-दो महीनों के भीतर सभी चतुर्थ श्रेणी, संविदा और सफाई कर्मचारियों को न्यूनतम मानदेय की गारंटी दी जाएगी।
उन्होंने इसे “जीरो पॉवर्टी अभियान” का हिस्सा बताया और कहा कि सरकार उन सभी वंचित वर्गों को चिह्नित कर रही है जिन्हें आज भी योजनाओं का पूरा लाभ नहीं मिला है। राशन कार्ड, पेंशन, आवास और आयुष्मान कार्ड जैसी सुविधाओं को तेजी से उन तक पहुंचाया जाएगा जो अब तक वंचित रह गए हैं।
सीएम योगी ने कार्यक्रम में राजनीतिक संदर्भ भी जोड़ा। उन्होंने 1923 की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि कांग्रेस के एक बड़े नेता ने वंदे मातरम गाने से मना कर दिया था और जीवन के अंतिम समय में येरूशलम में मृत्यु की इच्छा जताई थी। सीएम योगी ने कहा कि बाबा साहेब ने उस समय भी चेताया था कि जो व्यक्ति भारत में जन्म लेकर भी भारत भूमि को पवित्र न माने, उसका विचार भारतवासियों के हित में नहीं हो सकता।
सीएम योगी ने आरोप लगाया कि जो राजनीतिक दल तुष्टिकरण की नीति पर चलते हैं, वे न सिर्फ राष्ट्रहित के विरुद्ध हैं बल्कि बाबा साहेब के सिद्धांतों का भी अपमान करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहेब का जीवन संघर्षों की एक लंबी यात्रा है, जिसने करोड़ों दलितों, वंचितों और पिछड़े वर्गों को सम्मानजनक जीवन का अवसर दिया। उनका जीवन दर्शन आज भी समाज को प्रेरणा देता है कि कठिनाइयों के बावजूद आगे बढ़ना है और समानता की राह पर टिके रहना है।
महापरिनिर्वाण दिवस को उन्होंने बाबा साहेब के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का दिन बताया।
सीएम योगी ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना में लिखे न्याय, समता और बंधुता के मूल सिद्धांतों को आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार जमीनी स्तर पर लागू कर रही है। बिना भेदभाव हर गरीब, दलित, पिछड़े, महिला और युवा तक योजनाओं को पहुंचाना इसी विचारधारा का विस्तार है।
राशन, आवास, शौचालय, आयुष्मान स्वास्थ्य सुविधा और घरौनी योजना इन सबको उन्होंने बाबा साहेब के सपनों की पूर्ति बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्थित सभी दलित और मलिन बस्तियों को कनेक्टिविटी और मूलभूत सुविधाओं से जोड़ने के लिए तेजी से काम कर रही है। उन्होंने आश्वस्त किया कि जहां कुछ कमी रह गई है, उसे भी जल्द पूरा किया जाएगा।
सीएम योगी ने कहा कि बाबा साहेब का जीवन दर्शन आने वाले भारत की नई दिशा तय करता है और डबल इंजन सरकार इसी प्रेरणा से आगे बढ़ती रहगी।
कार्यक्रम में विधान परिषद सदस्य और आंबेडकर महासभा के अध्यक्ष डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने मुख्य अतिथियों का स्वागत किया। मंच पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, समाज कल्याण राज्यमंत्री असीम अरुण, महापौर सुषमा खर्कवाल सहित कई प्रमुख पदाधिकारी मौजूद रहे।
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