
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अटल आवासीय विद्यालयों को अब केवल आवासीय स्कूल नहीं, बल्कि भविष्य की जरूरतों के अनुरूप तकनीकी शिक्षा और नवाचार के केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन के अनुरूप है।
इस योजना के तहत हर अटल आवासीय विद्यालय में कम्पोजिट स्किल और इनोवेशन लैब स्थापित की जाएगी। इन लैब्स में छात्रों को ड्रोन टेक्नोलॉजी, रोबोटिक्स, ऑटोमेशन, स्पेस साइंस, 3डी प्रिंटिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी आधुनिक तकनीकों का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण, श्रमिक और वंचित वर्ग से आने वाले छात्रों को आधुनिक तकनीकी शिक्षा से जोड़ना है। पहली बार इन छात्रों को स्कूली स्तर पर अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी सीखने का अवसर मिलेगा, जिससे उनका आत्मविश्वास और करियर विकल्प दोनों मजबूत होंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इस परियोजना को मिशन मोड में लागू किया जा रहा है। पहले दो महीने में पायलट प्रोजेक्ट के तहत चयनित विद्यालयों में इनोवेशन लैब शुरू की जाएगी। इसके बाद छह महीने के भीतर सभी अटल आवासीय विद्यालयों में लैब पूरी तरह से स्थापित कर दी जाएंगी।
उत्तर प्रदेश भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की सचिव एवं अटल आवासीय विद्यालयों की महानिदेशक पूजा यादव ने बताया कि इस परियोजना के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधन सुनिश्चित कर लिए गए हैं। इससे कार्य को समय पर पूरा करने में कोई बाधा नहीं आएगी।
इन इनोवेशन लैब्स के संचालन और प्रशिक्षण के लिए देश की प्रमुख तकनीकी संस्थाओं और विशेषज्ञ एजेंसियों की मदद ली जाएगी। पहले चरण में शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण देकर मास्टर ट्रेनर बनाया जाएगा, जो आगे छात्रों और अन्य शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे।
इन लैब्स के जरिए छात्रों में इनोवेशन, क्रिटिकल थिंकिंग, समस्या समाधान और तकनीकी समझ जैसी 21वीं सदी की जरूरी क्षमताओं का विकास किया जाएगा। इससे छात्र भविष्य की वैश्विक चुनौतियों के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो सकेंगे।
सरकार को भरोसा है कि यह पहल उत्तर प्रदेश को टेक्नोलॉजी आधारित शिक्षा का अग्रणी राज्य बनाएगी। अटल आवासीय विद्यालयों से निकलने वाले छात्र आने वाले समय में प्रदेश और देश के लिए तकनीकी नेतृत्व देने में सक्षम होंगे।
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