
Barabanki Temple Accident: सावन का तीसरा सोमवार। सुबह के पहले पहर में जब भक्त अवसानेश्वर महादेव के दर्शन के लिए उमड़ पड़े, तब किसी ने नहीं सोचा था कि आस्था की ये यात्रा एक दर्दनाक हादसे में बदल जाएगी। बाराबंकी के प्रसिद्ध अवसानेश्वर मंदिर में सोमवार तड़के करंट लगने से दो लोगों की मौत हो गई, जबकि 47 श्रद्धालु घायल हो गए। घटना ने न सिर्फ भक्तों को झकझोर दिया, बल्कि मंदिर प्रशासन और सुरक्षा इंतजामों पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए।
चश्मदीदों और पुलिस प्रशासन की शुरुआती जानकारी के अनुसार, हादसा मंदिर परिसर में हुए एक तकनीकी गड़बड़ी के कारण हुआ। बताया जा रहा है कि मंदिर के टिन शेड के ऊपर से गुज़रने वाला बिजली का तार टूट गया, जिससे पूरे परिसर में करंट फैल गया। घटना उस समय हुई जब तड़के करीब 2 बजे मंदिर के कपाट खुले और भीड़ तेजी से बढ़ी।
एक गार्ड के मुताबिक, मंदिर प्रशासन ने रविवार शाम को परिसर में वेल्डिंग का काम करवाया था। आशंका है कि उसी वेल्डिंग पाइप के ज़रिए करंट नीचे टिन शेड तक उतर गया।
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घटना के समय टिन शेड के नीचे करीब तीन हजार श्रद्धालु मौजूद थे। चश्मदीदों के अनुसार, मंदिर परिसर में बैरिकेडिंग के पास भगदड़ जैसी स्थिति बन गई थी और कुछ लोग जनरेटर की ओर बढ़े, तभी करंट फैल गया।
भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा इंतज़ामों की भारी कमी इस हादसे की एक बड़ी वजह मानी जा रही है। वेल्डिंग जैसे तकनीकी कार्य अगर ठीक से देखरेख में न हों, तो ऐसे हादसे हो सकते हैं,और यही हुआ।
इस हादसे में 22 वर्षीय प्रशांत कुमार और एक 25 वर्षीय अज्ञात युवक की मौत हो गई। इसके अलावा 47 लोग झुलस गए, जिनमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हैं। सभी को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और कई की हालत नाजुक बताई जा रही है।
घायलों में बाराबंकी, रायबरेली, अमेठी और लखनऊ जिलों के श्रद्धालु शामिल हैं। पूरी सूची में 4 साल से लेकर 60 साल तक के लोग हैं, जो सावन की तीसरी सोमवारी पर दर्शन के लिए आए थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।हालांकि स्थानीय लोग और भक्तों का कहना है कि ये सिर्फ सांत्वना है, स्थायी समाधान नहीं। मंदिरों में भीड़ नियंत्रण और बिजली व्यवस्था जैसे मुद्दों पर ठोस कदम ज़रूरी हैं, नहीं तो ऐसे हादसे दोहराए जाते रहेंगे।
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