
अयोध्या, 19 अक्टूबर। अयोध्या सप्तपुरियों में प्रथम है, जहां धर्म स्वयं मानव रूप में अवतरित हुआ। यहां हर कण में मर्यादा है, हर दीप में करुणा और हर हृदय में भगवान श्रीराम का वास है। हजारों वर्ष पहले जब विश्व अंधकार में डूबा था, तब अयोध्या ने अपने आराध्य भगवान श्रीराम के आगमन पर दीप जलाए थे। यही परंपरा दीपावली के रूप में सनातन धर्म का महापर्व बन गई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अयोध्या धाम के रामकथा पार्क में हुए भव्य राम राज्याभिषेक समारोह में कहा कि वर्ष 2017 में जब दीपोत्सव की शुरुआत हुई थी, तब 1,71,000 दीप प्रज्वलित हुए थे। आज, नवम दीपोत्सव पर केवल अयोध्या धाम में 26 लाख से अधिक दीप जल रहे हैं, जबकि पूरे प्रदेश में 1 करोड़ 51 लाख दीप जलाए जा रहे हैं।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास जी महाराज समेत अनेक संतों और महंतों को माला, अंगवस्त्र और उपहार देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर कई प्रमुख संत, आचार्य और महंत मंच पर उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपोत्सव केवल दीपों का पर्व नहीं, बल्कि 500 वर्षों के संघर्ष और आस्था की विजय का प्रतीक है। यह दीप उन पीढ़ियों के त्याग और दृढ़ संकल्प का प्रतीक हैं, जिन्होंने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की जन्मभूमि के लिए सतत संघर्ष किया।
उन्होंने कहा कि पहले भगवान श्रीराम तंबू में विराजमान थे, और आज अपने भव्य मंदिर में। हर दीप यह संदेश देता है कि सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं। इसी सत्य की विजय ने 500 वर्षों के संघर्ष को राम मंदिर निर्माण तक पहुंचाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने अदालत में भगवान श्रीराम को “काल्पनिक” बताया था, जबकि समाजवादी पार्टी ने रामभक्तों पर गोलियां चलवाईं। उन्होंने कहा-
उन्होंने ताले लगाए थे, और हम दीप जला रहे हैं। उन्होंने अयोध्या की पहचान मिटाई, हमने उसे पुनः स्थापित किया।
सीएम ने कहा कि ये वही लोग हैं जो विदेशी शासकों की “फूट डालो और राज करो” की नीति को अपनाकर समाज में विभाजन फैलाने का काम करते रहे हैं। लेकिन आज आस्था पर राजनीति हावी नहीं हो सकती।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज अयोध्या केवल आस्था का नहीं, बल्कि पर्यटन का भी वैश्विक केंद्र बन चुकी है। उन्होंने बताया कि अब हर वर्ष 6 से 10 करोड़ श्रद्धालु अयोध्या आते हैं, जबकि पहले कुछ हजार श्रद्धालु आने पर अव्यवस्था और गंदगी का माहौल होता था। सीएम ने कहा-
यह वही अयोध्या है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्पों के अनुरूप विकसित हुई है । अयोध्या आज “वैश्विक आध्यात्मिक राजधानी” के रूप में उभर रही है, जहां देश-विदेश से सनातन धर्मावलंबी दर्शन करने आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि 1947 में स्वतंत्रता के बाद भी अयोध्या की उपेक्षा की गई, लेकिन भक्तों के संकल्प से मंदिर आंदोलन चलता रहा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की आधारशिला रखी और 22 जनवरी 2024 को भगवान श्रीराम का प्रतिष्ठापना कार्यक्रम संपन्न कराया। “आज हर सनातनी गौरव से आनंदित है कि हमारे पूर्वजों का सपना पूरा हुआ,” उन्होंने कहा।
सीएम योगी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार रामराज्य की परिकल्पना को साकार कर रही है-
नहीं दरिद्र कोऊ दुखी न दीना, नहीं कोई अबोध न लक्षण हीना।
उन्होंने कहा कि आज हर गरीब के पास घर, शौचालय, उज्ज्वला योजना का गैस कनेक्शन, 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा, मुफ्त राशन, सिंचाई सुविधा और रोजगार के अवसर हैं। सीएम ने कहा-
हम रामराज्य की उसी कल्पना को साकार कर रहे हैं जहां कोई दुखी, असहाय या वंचित न रहे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश अब गुंडाराज से मुक्त और कानून के राज वाला राज्य बन चुका है। उन्होंने कहा-
2017 से पहले पर्वों के समय भय का माहौल होता था, अब हर पर्व और त्यौहार उल्लास से मनाया जाता है।
उन्होंने बताया कि अयोध्या में संतों, भक्तों और महापुरुषों की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। सीएम ने कहा-
त्यागराज, पुरंदर दास, महा स्वामी अरुणाचल कवि, लता मंगेशकर स्मारक, निषादराज, माता शबरी, माता अहिल्या और जटायु की स्मृति स्थल आज यहां की पहचान बन चुके हैं। यह वही अयोध्या है जो विकास और आस्था का संगम बन चुकी है।
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