अयोध्या हिंदू-सिख एकता का जीवंत प्रमाण: गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड साहिब और दुख भंजन कुआं का इतिहास जानते हैं आप?

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि अयोध्या (Ayodhya) हिंदू-सिख एकता (Hindu-Sikh Ties) का जीवंत प्रमाण है। उन्होंने गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड साहिब (Gurudwara Brahmkund Sahib) का दौरा कर ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाला।

Hindu Sikh Unity: केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने अयोध्या (Ayodhya) को हिंदू-सिख एकता (Hindu-Sikh Unity) का जीवंत प्रमाण बताया है। पुरी ने कहा कि इस पवित्र भूमि पर सिख गुरुओं (Sikh Gurus) का आशीर्वाद रहा है। उन्होंने गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड साहिब (Gurudwara Brahmkund Sahib) का दौरा किया और अयोध्या में सिखों के ऐतिहासिक योगदान को याद किया।

'अयोध्या' का अर्थ ही है जिसे कोई शत्रु जीत न सके

हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि 'अयोध्या' शब्द का अर्थ ही है –जिसे कोई शत्रु जीत न सके। उन्होंने यह भी बताया कि जब अयोध्या में धर्म संकट में था तब श्री गुरु गोबिंद सिंह जी (Guru Gobind Singh Ji) के आदेश पर निहंग सेना (Nihang Army) ने मुगलों से युद्ध किया और श्रीराम जन्मभूमि (Shri Ram Janmabhoomi) की रक्षा की।

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अयोध्या में सिख गुरुओं की ऐतिहासिक उपस्थिति

पुरी ने बताया कि अयोध्या का गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड साहिब (Gurudwara Brahmkund Sahib) एक ऐतिहासिक स्थल है जहां श्री गुरु नानक देव जी (Guru Nanak Dev Ji), नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी (Guru Tegh Bahadur Ji) और दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज (Guru Gobind Singh Ji Maharaj) के चरण पड़े थे। उन्होंने यह भी बताया कि 1508 में जब गुरु नानक देव जी अपनी पहली उदासी यात्रा (Udasi Yatra) के दौरान अयोध्या आए तो उन्होंने सरयू नदी (Saryu River) के पश्चिमी तट पर स्थित एक कुएं में स्नान किया जिसे आज "दुख भंजन कुआं" (Dukh Bhanjani Kuan) कहा जाता है।

 

 

1697 में श्रीराम मंदिर की रक्षा के लिए लड़ा गया युद्ध

पुरी ने एक ऐतिहासिक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि जब 1697 में औरंगजेब (Aurangzeb) की सेना ने अयोध्या में श्रीराम मंदिर (Shri Ram Temple) पर आक्रमण किया, तो गुरु गोबिंद सिंह जी ने 400 निहंग सिखों की एक सेना भेजी, जिसने आघोरी संन्यासियों (Aghoris) के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मुगलों के खिलाफ युद्ध लड़ा।

राम मंदिर आंदोलन में सिख समुदाय की भूमिका

पुरी ने बताया कि राम मंदिर आंदोलन (Ram Mandir Movement) के दौरान सिख समुदाय (Sikh Community) का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने ऐतिहासिक फैसले में यह स्वीकार किया कि गुरु नानक देव जी 1510-11 में श्रीराम जन्मभूमि के दर्शन करने आए थे, जो हिंदुओं की आस्था को प्रमाणित करता है।

'राष्ट्र मंदिर' बना राम मंदिर

पुरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की ऐतिहासिक पहल को याद करते हुए कहा कि उनकी कोशिशों से सदियों पुराने संघर्ष और तपस्या के बाद भारत को 'राष्ट्र मंदिर' (Rashtra Mandir) के रूप में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर (Grand Ram Temple) प्राप्त हुआ। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड साहिब (Gurudwara Brahmkund Sahib) की यात्रा करने की अपील की, जहां शबद की ध्वनि और सरयू जी की पावन धारा भक्तों को भक्ति के सागर में गोता लगाने पर मजबूर कर देती है।

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