
अयोध्या। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी अयोध्यानगरी में पूरे जोरशोर से चल रही है। 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया जाना है। ऐसे में देश के कोने-कोने के अलावा विदेशों और पड़ोसी मुल्कों से भी राममंदिर और रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में सहभागी बनने को लेकर सहयोग दिया जा रहा है।
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से आई रामलला की पोषाक
ऐसे में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के सिंध प्रांत से रामलला के लिए पोषाक भेजी गई है। सिंध प्रांत से आए संतों ने शनिवार को रामलला की पोषाक भेंट करने के साथ राम मंदिर निर्माण पर खुशी जताई है। भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर उत्साह देश-दुनिया के साथ पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी दिख रहा है।
राम लला के लिए आई गर्म कपड़ों की पोषाक
शनिवार को पाकिस्तान से सिंधी समाज के लोगों का एक जत्था अयोध्या आया है। पाक से आए सिंध समाज के लोगों ने रामलला को पोशाक भेंट की है। सर्दी के मौसम को देखते हुए रामलला के लिए गर्म कपड़ों की पोषाक लाई गई है। सिंधी समाज में इस पोषाक को अजरक के नाम से जाना जाता है।
51 वैदिक ब्राह्मणों ने की पोषाक की पूजा
पाकिस्तान के सिंध प्रांत के भक्तों की ओर से आई पोशाक को रामलला को समर्पित करने से पूर्व रामनगर स्थित देवालय में 51 वैदिक ब्राह्मण की ओर से उसका पूजन किया गया। सिंधी समाज की ओऱ से रामलला को पोशाक समर्पित की गई है।
सिंध की सम्मानित चादर होती है अजरक
पाकिस्तान के सिंध से आई पोशाक रामलला को समर्पित की गई है। भगवान को अजरक समर्पित किया गया है। अजरक सिंध समाज की बहुत सम्मानित चादर होती है। इसका वस्त्र बनाकर भगवान को समर्पित करना सौभाग्य की बात है।
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