
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अयोध्या महायोजना 2031 से जुड़े प्रस्तावों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि अयोध्या का विकास भव्यता, आस्था और आधुनिकता- तीनों का संगम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि महायोजना का उद्देश्य अयोध्या को सुव्यवस्थित, सस्टेनेबल और विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में स्थापित करना है। विकास कार्यों में सांस्कृतिक पहचान, धार्मिक गरिमा और पर्यावरणीय संतुलन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या विजन 2047 के तहत शहर को ग्लोबल आध्यात्मिक नगरी, ज्ञान नगरी और उत्सव नगरी के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां तीर्थ अनुकूल अवसंरचना, विविध पर्यटन, हेरिटेज वॉक, हरित ऊर्जा और सौर ऊर्जा आधारित नगरी की रूपरेखा तैयार की जा रही है। योगी ने कहा कि यह योजना अयोध्या के सस्टेनेबल विकास की आधारशिला बनेगी।
बैठक में बताया गया कि अयोध्या महायोजना 2031 का लक्ष्य शहर को ग्लोबल स्पिरिचुअल और टूरिज़्म डेस्टिनेशन बनाना है। अयोध्या विकास क्षेत्र को 18 जोनों में बांटकर संतुलित भूमि उपयोग तय किया गया है। अनुमानित 23.94 लाख जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए भूमि का उपयोग इस प्रकार प्रस्तावित है:
CM योगी आदित्यनाथ ने मिश्रित और औद्योगिक भूमि बढ़ाने तथा पंचकोसी और 14 कोसी परिक्रमा मार्ग पर विविध गतिविधियों के लिए भूमि आरक्षित करने के निर्देश दिए।
वर्तमान में अयोध्या की जनसंख्या लगभग 11 लाख है, जो 2031 तक 24 लाख और 2047 तक 35 लाख तक पहुंच सकती है। इसे देखते हुए नए आवासीय टाउनशिप, भव्य प्रवेश द्वार, बहुस्तरीय पार्किंग, 84 कोसी परिक्रमा मार्ग, ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, रिंग रोड, एयरपोर्ट, टेंपल म्यूज़ियम, सौर ऊर्जा संयंत्र और होटल जैसी सुविधाएं योजना में शामिल हैं। CM योगी ने कहा कि ये सभी परियोजनाएं अयोध्या को स्मार्ट, सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाएंगी।
अयोध्या विकास क्षेत्र में 159 निवेश परियोजनाएं स्वीकृत हैं, जिनमें 8,594 करोड़ रुपये का निवेश संभावित है। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि इन परियोजनाओं से युवाओं के लिए नए रोजगार अवसर बनेंगे और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या का सड़क, रेल और वायु मार्ग से बेहतरीन संपर्क है। उन्होंने कहा कि बस और ट्रक अड्डों सहित पार्किंग का विकास लखनऊ, प्रयागराज, गोंडा और अंबेडकर नगर मार्गों पर किया जाए।
महायोजना में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए भूमि आरक्षित करने के निर्देश भी दिए गए हैं। CM योगी ने कहा कि इन कार्यों में स्थानीय और देसी मॉडल को बढ़ावा दिया जाए।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या का विकास धार्मिक पर्यटन के साथ आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी प्रेरक उदाहरण बने। हर परियोजना पर्यावरणीय रूप से सस्टेनेबल होनी चाहिए और सरयू नदी के तटों व हरित पट्टियों का संरक्षण किया जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “अयोध्या केवल एक शहर नहीं, भारत की आत्मा का प्रतीक है। इसे आने वाली पीढ़ियों के लिए आस्था, सौंदर्य और समृद्धि का संगम बनाया जाए।”
उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि अनियोजित प्लॉटिंग या बसावट न होने दें, सभी कार्य नियोजित ढंग से और नियमों के अनुरूप हों।
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