युवक ने अपनी पत्नी को संबोधित करते हुए पांच पन्नों का एक पत्र लिखा और फिर आत्महत्या कर ली। पत्र में प्रबंधकों के नाम भी लिखे गए हैं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के झांसी में काम के तनाव के कारण एक युवक ने आत्महत्या कर ली। बजाज फाइनेंस में एरिया मैनेजर के तौर पर काम करने वाले तरुण सक्सेना (42) का शव बुधवार को उनके घर के अंदर मिला। नौकरी और प्रबंधकों की तरफ से भारी मानसिक दबाव का खुलासा करते हुए तरुण ने पांच पन्नों का एक पत्र लिखा और फिर आत्महत्या कर ली। पत्र में आरोप लगाया गया है कि वह 45 दिनों से सोया नहीं था और प्रबंधक टारगेट पूरा करने के लिए उस पर भारी दबाव बना रहे थे और वेतन काटने की धमकी दे रहे थे। बजाज फाइनेंस की तरफ से इस घटना पर अभी तक कोई सफाई नहीं आई है।
सुबह काम पर आए एक शख्स ने तरुण को मृत पाया। इससे पहले उसने अपनी पत्नी और दो बच्चों को दूसरे कमरे में बंद कर दिया था। घर में उनके माता-पिता के अलावा पत्नी मेघा और बच्चे यथार्थ और पिहू भी थे। तरुण ने 5 पन्नों का पत्र अपनी पत्नी को संबोधित करते हुए लिखा था। पत्र में उसने बताया कि भारी दबाव के बावजूद वह अपना टारगेट पूरा नहीं कर पा रहा था।
तरुण की जिम्मेदारी बजाज फाइनेंस के लोन की किश्तें वसूलना था। हालांकि, कई कारणों से वह अपने टारगेट को पूरा नहीं कर पा रहा था। उसने लिखा कि वह नौकरी छोड़ने वाला है। प्रबंधक लगातार उसका अपमान कर रहे हैं। उसे अपने भविष्य की चिंता सता रही है। तरुण ने यह भी लिखा कि वह अब सोच भी नहीं पा रहा है।
पत्र में उसने आगे लिखा कि वह और उसके साथ काम करने वाले लोग अक्सर ईएमआई की रकम वसूल नहीं कर पाते थे और उन्होंने कई बार इस बारे में आला अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। 45 दिन हो गए हैं, जब उसने आखिरी बार सोया था। वह ठीक से खाना भी नहीं खा पा रहा है। वह बहुत दबाव में है। प्रबंधकों का कहना है कि किसी भी कीमत पर उसे अपना टारगेट पूरा करना होगा या फिर नौकरी छोड़कर चले जाना होगा।
पत्र में उसने यह भी लिखा कि उसने साल के अंत तक बच्चों की स्कूल फीस भर दी है और अपने परिवार से माफी मांगी है। उसने अपने माता-पिता से अपनी पत्नी और बच्चों की देखभाल करने और अपने बच्चों से अच्छी तरह से पढ़ाई करने और अपनी मां की देखभाल करने का आग्रह किया। उसने अपने रिश्तेदारों से कहा कि उन्हें बीमा की रकम मिलेगी और उन्हें उन प्रबंधकों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करानी चाहिए जिन्होंने उसे प्रताड़ित किया और उसके इस फैसले के लिए जिम्मेदार हैं। उसने पत्र में प्रबंधकों के नाम भी लिखे हैं।
पुलिस का कहना है कि परिजनों की तरफ से शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही काम के तनाव के चलते 26 वर्षीय अन्ना सेबेस्टियन ने आत्महत्या कर ली थी, जिसके बाद से ही कार्यस्थल पर प्रताड़ना को लेकर बहस छिड़ी हुई है।
(आत्महत्या किसी भी समस्या का हल नहीं है। जीवन जीने की कोशिश करें। मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद लें। अगर आपके मन में ऐसे विचार आ रहे हैं तो 'दिशा' हेल्पलाइन पर कॉल करें। टोल फ्री नंबर: Toll free helpline number: 1056, 0471-2552056)