
बरेली में भड़की हिंसा की आग भले ही बुझ गई हो, लेकिन न्याय की मशीनरी अभी भी पूरी तेजी से चल रही है। दस दिन पहले शहर में मची तबाही के बाद पुलिस ने जो जाल बिछाया था, वो अब तक 60 से ज्यादा आरोपियों को अपनी गिरफ्त में ले चुका है। इनमें सबसे चर्चित नाम मौलाना तौकीर रजा का है, जो अब जेल की सलाखों के पीछे अपने कई करीबियों के साथ न्याय का इंतजार कर रहा है। जो लोग सोच रहे थे कि समय के साथ यह मामला ठंडा पड़ जाएगा, वे शायद गलत साबित हो रहे हैं। पुलिस हर दिन नए-नए खुलासे कर रही है और अब यह मामला राज्य मानवाधिकार आयोग तक पहुंच चुका है।
राज्य मानवाधिकार आयोग में एक दिलचस्प मोड़ आया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता डॉ. गजेंद्र सिंह यादव ने आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। उनका आरोप है कि "आई लव मोहम्मद" का जुलूस निकालने वालों पर पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई अनुचित थी। यह शिकायत इस पूरे मामले में एक नया आयाम जोड़ती है, जहाँ एक तरफ पुलिस हिंसा के आरोपियों पर कार्रवाई कर रही है, वहीं दूसरी तरफ मानवाधिकार के मुद्दे भी उठाए जा रहे हैं।
यह भी पढ़ें: योगी सरकार का कमाल: विजयदशमी पर यूपी में रियल एस्टेट का बना नया रिकॉर्ड
बरेली विकास प्राधिकरण ने इस मामले में तेज कार्रवाई करते हुए फरहत खान के मकान को सील कर दिया है। यही वह घर है जहाँ मौलाना तौकीर रजा ठहरे हुए थे। फाईक एंक्लेव में स्थित यह दो मंजिला मकान अब सरकारी मुहर के साथ बंद पड़ा है। फरहत खान और उसका बेटा पहले से ही गिरफ्तार हैं। इससे पहले डॉक्टर नफीस के रजा पैलेस पर भी बुल्डोजर एक्शन हुआ था, जिसमें इस संपत्ति का बड़ा हिस्सा ध्वस्त कर दिया गया। प्राधिकरण का कहना है कि यह निर्माण नियमों के विपरीत था।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बरेली हिंसा के फरार उपद्रवियों को पकड़ने के लिए प्रत्येक पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया जा सकता है। इतना ही नहीं, पुलिस इन आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी कराने की तैयारी में है। पुलिस का जाल कितना कसा हुआ है, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि लगभग 350 फोन नंबर सर्विलांस पर रखे गए हैं। साथ ही कई सोशल मीडिया अकाउंट्स की भी छानबीन की जा रही है।
इस पूरे मामले में पुलिस पारंपरिक जांच के साथ-साथ आधुनिक तकनीक का भी भरपूर इस्तेमाल कर रही है। डिजिटल निगरानी, फोन ट्रैकिंग और सोशल मीडिया मॉनिटरिंग के जरिए हर संदिग्ध व्यक्ति पर नजर रखी जा रही है। यह कार्रवाई दिखाती है कि सरकार इस मामले को लेकर कितनी गंभीर है और हिंसा में शामिल हर व्यक्ति को कानून के कटघरे में खड़ा करने का संकल्प लिया गया है। अब देखना यह है कि आने वाले दिनों में इस जांच से और कितने बड़े खुलासे होते हैं।
यह भी पढ़ें: बैंक से लेकर स्कूल तक छुट्टी! 7 अक्टूबर को पूरे यूपी में क्यों रहेगा अवकाश?
उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।