
वाराणसी की सर्द सुबह में काशी हिंदू विश्वविद्यालय एक बार फिर इतिहास रचने की तैयारी में है। स्वतंत्रता भवन के प्रांगण में वह पल आकार ले रहा है, जिसका इंतजार हजारों छात्रों ने वर्षों की मेहनत और तपस्या के बाद किया, BHU का 105वां दीक्षांत समारोह। यह सिर्फ उपाधि वितरण का कार्यक्रम नहीं, बल्कि उन सपनों का उत्सव है, जिन्हें तालीम की रोशनी ने वास्तविकता में बदल दिया है।
BHU के 105वें दीक्षांत समारोह में कुल 29 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए जाएंगे, जिनमें 20 छात्राएं शामिल हैं। यह उपलब्धि विश्वविद्यालय की उस परंपरा का प्रमाण है, जिसमें प्रतिभा, परिश्रम और लगन को सर्वोच्च स्थान दिया जाता है।
करीब 13,650 विद्यार्थियों को इस वर्ष डिग्रियां प्रदान की जाएंगी। कार्यक्रम को विश्वविद्यालय के आधिकारिक YouTube चैनल पर लाइव प्रसारित किया जाएगा ताकि छात्र-छात्राओं के परिजन भी इस विशेष क्षण का हिस्सा बन सकें।
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BHU कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि इस बार समारोह के मुख्य अतिथि होंगे देश के प्रख्यात रक्षा वैज्ञानिक और नीति आयोग के सदस्य डॉ. विजय कुमार सारस्वत। उनका नाम DRDO में मिसाइल विकास कार्यक्रमों के साथ स्वर्णाक्षरों में दर्ज है।
उनके नेतृत्व में देश की सामरिक क्षमता को नई दिशा देने वाले कई प्रोजेक्ट पूरे हुए, जैसे-
विज्ञान और तकनीक के इन क्षेत्रों में योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री (1998) और पद्मभूषण (2013) से सम्मानित किया जा चुका है।
परीक्षा नियंता प्रो. सुषमा घिल्डियाल के अनुसार पारंपरिक दीक्षांत पोशाक, साफा और उत्तरिया का वितरण संकाय स्तर पर सुव्यवस्थित रूप से जारी है। इस बार विश्वविद्यालय की कोशिश है कि पूरा आयोजन अनुशासन और गरिमा के साथ सम्पन्न हो।
समारोह में मंच से कुल 29 पदक प्रदान किए जाएंगे-
मुख्य समारोह के बाद विभिन्न संकायों में 12 से 14 दिसंबर तक अलग-अलग कार्यक्रम होंगे। इस वर्ष विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की जाने वाली उपाधियों का विवरण इस प्रकार है-
सभी संकायों में कुल 554 पदक प्रदान किए जाएंगे।
105वां दीक्षांत समारोह न केवल BHU की शैक्षणिक परंपरा का प्रदर्शन है, बल्कि देश को नए शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों, चिकित्सकों, कलाकारों और उद्यमियों का योगदान सुनिश्चित करने का संकल्प भी है। यह आयोजन उस विशाल यात्रा का प्रतीक है, जहां से हजारों विद्यार्थी जीवन की नई पगडंडियों पर कदम रखेंगे।
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