BHU में अब क्या हो गया?, पीएचडी के छात्र बैठे धरने पर, आखिर क्या हैं उनकी मांगे

Published : Dec 22, 2025, 07:12 PM IST
 BHU  PhD students students sit on strike

सार

Banaras Hindu University : बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में फिर कुछ बड़ा होने वाला है। तभी तो पीएचडी के छात्र धरने पर बैठ गए हैं। उन्होंने विभाग पर कई आरोप लगाए हैं।

वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में पीएचडी भर्ती प्रक्रिया में लगातार अनियमितता का रूप लगाकर छात्राओं द्वारा धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। ताजा मामला इतिहास विभाग के शोध छात्रों का है। जो भेदभाव एवं अनियमितता का आरोप लगाकर सेंट्रल ऑफिस के बाहर धरने पर बैठे हैं। छात्रों ने आरोप लगाया कि उनका एडमिशन BHU के इतिहास विभाग में हुआ है। हेड उन्हें एफिलिएटिड कॉलेज में भेजा जा रहा है। जबकि वहां शोध छात्रों को कोई सुविधा नहीं मिलती। इन 13 छात्रों में एमपी, यूपी, उत्तराखण्ड सहित अन्य राज्यों के छात्र शामिल है।

बीएचयू के छात्र क्यों बोले नियमों का उल्लंघन किया जा रहा 

शोधार्थियों का आरोप है कि पीएचडी में प्रवेश के समय उनसे मुख्य परिसर (मेन कैंपस) में ही शुल्क जमा कराया गया था और सभी आवश्यक दस्तावेज भी केंद्रीय कार्यालय में लिए गए थे। इसके बावजूद अब उन्हें संबंधित कॉलेजों में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। छात्रों का कहना है कि यह न केवल उनके साथ छल है, बल्कि इसमें आरक्षण नियमों का भी उल्लंघन किया जा रहा है, जो सामाजिक न्याय और समानता के अधिकार के खिलाफ है।

दस महीनों से छात्र हो रहे परेशान

धरने पर बैठे छात्रों ने बताया कि पिछले करीब दस महीनों से उन्हें लगातार विभाग, डीआरसी (डिपार्टमेंटल रिसर्च कमेटी) और प्रशासनिक कार्यालयों के चक्कर लगवाए जा रहे हैं। इससे वे मानसिक रूप से परेशान हैं और खुद को शोषण का शिकार महसूस कर रहे हैं। छात्रों का आरोप है कि विभागाध्यक्ष और डीआरसी की मिलीभगत से जानबूझकर उन्हें मुख्य परिसर से बाहर भेजने की कोशिश की जा रही है।

छात्रों को BHU से बाहर क्यों भेजा रहा 

छात्रों ने सवाल उठाया कि जब उन्होंने मुख्य कैंपस में ही प्रवेश लिया, वहीं फीस और दस्तावेज जमा किए, तो अब उन्हें बाहर के कॉलेजों में क्यों भेजा जा रहा है। उनका कहना है कि जिन कॉलेजों में स्थानांतरण की बात कही जा रही है, वहां उचित शैक्षणिक माहौल, लाइब्रेरी सुविधाएं और शोध संसाधन पर्याप्त नहीं हैं। साथ ही वहां मिलने वाली छात्रवृत्ति (स्कॉलरशिप) व्यवस्था भी संतोषजनक नहीं है, जिससे उनका शैक्षणिक भविष्य प्रभावित हो सकता है।

धरना दे रहे छात्रों ने बयां किया अपना दर्द

धरना दे रहे छात्र-छात्राओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्होंने अपनी मांगों को लेकर कई बार संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखे और व्यक्तिगत रूप से भी अपनी बात रखने का प्रयास किया, लेकिन अब तक उनकी समस्याओं पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

छात्रों ने बीएचयू के अफसरों को दी चेतावनी

शोधार्थियों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगों पर न्यायसंगत और ठोस निर्णय नहीं लिया जाता, तब तक उनका धरना जारी रहेगा। देर रात तक केंद्रीय कार्यालय के सामने धरना चलता रहा, जिससे विश्वविद्यालय परिसर में तनाव और हलचल का माहौल बना रहा। अब सभी की निगाहें विश्वविद्यालय प्रशासन के अगले कदम पर टिकी हुई हैं। (खबर, इनपुट- सुरेंद्र वाराणसी)

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