यूपी से अडाणी समूह को एक और बड़ा झटका लगा है। यूपी में स्मार्ट मीटर लगाने का टेंडर निरस्त कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि टेंडर की कीमत को लेकर यह फैसला लिया गया है।
लखनऊ: अडाणी सूमह को यूपी से एक जोरदार झटका लगा है। हिंडनबर्ग रिपोर्ट से लगे वैश्विक झटकों के बीच मध्यांचल विद्युत वितरण निगम की कंपनी का स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का टेंडर निरस्त कर दिया गया है। इसकी लागत तकरीबन 5400 करोड़ है और टेंडर दर की अनुमानित लागत से 48 से 65 फीसदी तक अधिक थी। इसी के चलते इसका विरोध भी हो रहा था। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम की ओर से टेंडर निरस्त करने के बाद अब पश्चिमांचल, पूर्वांचल, दक्षिणांचल और डिस्कॉम के टेंडर पर भी निगाहे लगी हुई हैं। अडाणी समूह का टेंडर दक्षिणांचल में भी है।
टेंडर की दर को लेकर शुरू हुआ था विरोध
आपको बता दें कि प्रदेश में तकरीबन 2.5 करोड़ प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगने हैं। इसको लेकर 25 हजार करोड़ रुपए का टेंडर भी हो चुका है। इस टेंडर को मैसर्स अडाणी पावर ट्रांसमिशन के अलावा जीएमआर और इनटेली स्मार्ट कंपनी ने टेंडर का पार्ट दो हासिल किया था। इनको काम करने का आदेश भी जारी कर दिया गया था। हालांकि इस बीच टेंडर की दर को लेकर विरोध शुरू हो गया। टेंडर के प्रस्ताव के अनुसार हर मीटर की कीमत लगभग 9-10 हजार रुपए की पड़ रही थी। जबकि प्रति मीटर की अनुमानित कीमत 6 हजार रुपए है। इस मामले में यूपी पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने प्रति मीटर का मूल्य अधिक होने पर ऊर्जा मंत्रालय से भी सलाह ली। हालांकि वहां से फैसला कॉरपोरेशन पर ही छोड़ दिया गया।
टेंडर निरस्त होने के पीछे बताए जा रहे तकनीकि कारण
इस बीच उपभोक्ता परिषद की ओर से भी जमकर हंगामा किया गया। उपभोक्ता परिषद का आरोप था कि उपभोक्ताओं पर अधिक भार डाला जा रहा है। इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से भी की गई थी। परिषद की ओर से नियामक आयोग में याचिका भी दायर की गई थी। इसी को लेकर तमाम विचार मंथन के बाद मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के अधीक्षण अभियंता (वित्त) अशोक कुमार के द्वारा टेंडर निरस्त कर दिया गया है। इसके बाद अधीक्षण अभियंता के द्वारा जानकारी दी गई कि तकनीकि कारणों के चलते टेंडर को निरस्त किया गया है। इसके विस्तृत दस्तावेज देखने के बाद ही कोई जानकारी साझा की जा सकती है।
6 बेटियों की शादी कर खुद बना दूल्हा: 65 साल के बुजुर्ग ने 42 साल छोटी युवती से रचाई शादी