
लखनऊ। बिहार में नई सरकार के गठन पर आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाग लिया। मुख्यमंत्री नितीश कुमार के शपथ ग्रहण कार्यक्रम के लिए सीएम योगी सहित एनडीए शासित राज्यों के सभी मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया गया था। जैसे ही सीएम योगी पटना एयरपोर्ट पहुँचे, समर्थकों में उत्साह की लहर दौड़ पड़ी और लोगों ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए।
नीतीश कुमार ने गुरुवार को बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में दसवीं बार शपथ ली। सीएम योगी की उपस्थिति दोनों राज्यों के बीच बढ़ते राजनीतिक और विकासात्मक संबंधों को मजबूत करने वाली मानी जा रही है। यह राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग और समन्वय को भी नई ऊर्जा देती है।
हाल ही में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में सीएम योगी आदित्यनाथ ने एनडीए के पक्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने कई विधानसभा क्षेत्रों में जनसभाएं कीं। उनके प्रभावी भाषण, जनसंपर्क शैली और जनता में लोकप्रियता ने एनडीए के लिए सकारात्मक माहौल बनाने में बड़ी भूमिका निभाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चलाए गए चुनाव अभियान को उनकी मौजूदगी से और मजबूती मिली और कार्यकर्ताओं में नया उत्साह पैदा हुआ।
चुनाव प्रचार के दौरान सीएम योगी ने प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में विकसित भारत के लिए सुरक्षा, विकास, सुशासन और सांस्कृतिक पहचान जैसे मुद्दों पर जनता के बीच स्पष्ट और मजबूत संदेश दिए। बिहार की जनता के प्रति उनका आत्मीय संबंध और भरोसेमंद नेतृत्व शैली ने मतदाताओं और भाजपा संगठन, दोनों को मजबूती प्रदान की।
शपथ ग्रहण समारोह में सीएम योगी की मौजूदगी इस बात का संकेत है कि भाजपा केवल राजनीति नहीं, बल्कि विकास और सामाजिक सहयोग को भी समान महत्व देती है। उत्तर प्रदेश और बिहार के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रिश्ते सदियों से जुड़े हैं। ऐसे में दोनों मुख्यमंत्रियों का एक साथ आना आने वाले समय में आपसी सहयोग को और बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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