उत्तर प्रदेश के बिकरु गांव में दो जुलाई 2000 में गैंगेस्टर विकास दुबे को अरेस्ट करने पहुंची पुलिस टीम पर फायरिंग की गई थी। इस एनकाउंटर में विकास दुबे गैंग के लोगों ने आठ पुलिसवालों की हत्या कर दी थी जबकि कई घायल हो गए थे।
Bikaru Case: यूपी के चर्चित बिकरु कांड में कोर्ट ने 30 में 23 आरोपियों के खिलाफ सजा तय की है। 23 आरोपियों को डिस्ट्रक्ट एंड सेशन कोर्ट ने दस-दस साल की सजा सुनाई है। सभी दोषियों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी कोर्ट ने लगाया है। जबकि सात लोगों को साक्ष्य के अभाव में आरोपमुक्त कर दिया है। कोर्ट के फैसला को देखते हुए परिसर में भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया है। बिकरु कांड के बाद सभी 30 आरोपियों के खिलाफ गैंगेस्टर के तहत कार्रवाई की गई थी।
विकास दुबे के घर दबिश देने गए 8 पुलिसवालों की हुई थी हत्या
दरअसल, उत्तर प्रदेश के कानपुर क्षेत्र के चौबेपुर के बिकरु गांव में दो जुलाई 2000 में गैंगेस्टर विकास दुबे को अरेस्ट करने पहुंची पुलिस टीम पर फायरिंग की गई थी। इस एनकाउंटर में विकास दुबे गैंग के लोगों ने आठ पुलिसवालों की हत्या कर दी थी जबकि कई घायल हो गए थे। देर रात में पुलिस की दबिश को लेकर भी तरह-तरह के सवाल उठे थे। बिकरु कांड में कई हाईप्रोफाइल अधिकारियों तक आंच पहुंची थी। हालांकि, दिल दहला देने वाली इस वारदात के कुछ ही दिनों बाद विकास दुबे को एसटीएफ ने उज्जैन में अरेस्ट किया था। लेकिन रास्ते में कथित तौर पर भागने के दौरान उसका एनकाउंटर हो गया।
23 आरोपी बिकरु कांड के दोषी
जिला एवं सत्र न्यायालय पंचम ने बिकरु कांड में 23 आरोपियों को दोषी माना है। हीरू दुबे, श्यामू बाजपेई, जहान यादव, दयाशंकर अग्निहोत्री, बबलू मुसलमान, रामू बाजपेयी, शशिकांत पांडेय, शिवम दुबे, गोविंद सैनी, उमाकांत, शिवम दुबे उर्फ दलाल, शिव तिवारी, जिलेदार, राम सिंह यादव, जय बाजपेई, धीरेंद्र कुमार, मनीष, सुरेश, गोपाल, वीर सिंह, राहुल पाल, अखिलेश उर्फ श्यामजी, छोटू शुक्ला को गैंगेस्टर मामले में सजा दी है। जबकि गुड्डन, प्रशांत, सुशील कुमार, बालगोविंद, राजेंद्र मिश्र, रमेश चंद, संजय को सबूत के अभाव में दोषमुक्त कर दिया है।
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