
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी प्रत्येक माह के आखिरी रविवार को होने वाली पीएम मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम का उर्दू संस्करण मुस्लिम इलाकों में बांटेगी। इस कदम को मिशन 2024 की तैयारियों से जोड़कर भी देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने के लिए यह कवायद शुरू की जा रही है।
पसमांदा मुसलमानों को रिझाने के लिए नई रणनीति पर हो रहा काम
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने जनवरी में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान नेताओं और कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा था कि सभी वर्गों तक पहुंचने का प्रयास किया जाए। माना जा रहा है कि उसी अपील को अमली जामा पहनाने की कोशिश की जा रही है। इसी सिलसिले में भाजपा पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम का उर्दू संस्करण वितरित करेगी। जानकारों की मानें तो इस पहले से मुस्लिम इलाकों में अपनी पैठ को मजबूत करने का प्रयास है। भाजपा पहले ही पसमांदा मुसलमानों को रिझाने की कोशिश कर चुकी है। उसके बाद अब 2024 के नजदीक आने पर इस नई रणनीति पर अमल किया जा रहा है।
12 संस्करणों को दी गई है किताब की शक्ल
ज्ञात हो कि 2022 के चुनाव के दौरान भी बीजेपी ने सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की बात कही थी। इस बीच तीन तलाक और अन्य पहल कर मुस्लिम वर्ग में पकड़ को मजबूत किया गया। इसके बाद पिछड़े, गरीब तकबके में पैठ बढ़ाने के लिए भी पार्टी ने सक्रियता बढ़ाई। इसी कड़ी में अब भाषायी संवाद का भी नाता जोड़ने की कवायद पार्टी की ओऱ से की जा रही है। सूत्रों की मानें तो पार्टी का अल्पसंख्यक मोर्चा बीते एक साल के मन की बात कार्यक्रम का उर्दू अनुवाद करवाकर उसे किताब की शक्ल दे चुका है। 130 पेज की किताब में 12 मन की बात संस्करण शामिल किए गए हैं। इस किताब को मदरसों, बुद्धजीवियों, युवाओं तक पहुंचाया जाएगा।
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