बसपा सुप्रीमो मायावती ने निकाय चुनाव को लेकर अहम बैठक की। इस बैठक के बाद मायावती ने कहा कि अगर गेस्ट हाउस कांड 1995 में न हुआ होता तो आज के समय में सपा-बसपा गठबंधन देश पर राज कर रहा होता।
लखनऊ: बसपा प्रदेश मुख्यालय पर पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करते हुए मायावती ने सपा और भाजपा पर निशाना साधा। मायावती ने कहा कि यदि समाजवादी पार्टी एहसान फरामोशी नहीं करती और 1995 में गेस्ट हाउस कांड न घटित हुआ होता तो आज के समय में परिस्थितियां दूसरी होती। आज सपा-बसपा गठबंधन देश पर राज कर रहा होता। हालांकि समाजवादी पार्टी की दलित और अति पिछड़ा विरोधी संगठनों के द्वारा राजनीति तथा मुस्लिम समाज के प्रति छलावों से ऐसा संभव नहीं हो सका।
बदहाल कानून व्यवस्था के चलते लोग हैं परेशान
मायावती ने अपील करते हुए कहा कि निकाय चुनाव को लेकर सभी को मजबूती से जुटना होगा। लोग इस समय महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी और बदहाल कानून व्यवस्था के चलते त्रस्त हैं। बीजेपी सभी मुद्दों पर फेल हो चुकी है। कागजों पर ही स्मार्ट सिटी के दावे रह गए हैं। यूपी के गांव की जनता की हालत महंगाई और बेरोजगारी के चलते ही काफी खराब है। उन्होंने कहा कि सरकार ने मौजूदा समय में सब कुछ ठेके पर कर दिया है। ठेका प्रथा के चलते लोगों के लिए स्थाई नौकरी सिर्फ सपना मात्र रह गई है। बसपा के गांव चले अभियान ने पार्टी को मजबूती दी है। लोगों तक लगातार अपनी आवाज पहुंचाते रहें।
सोच-समझकर होगा निकाय चुनाव के लिए उम्मीदवारों का चयन
बीएसपी चीफ ने कहा कि सोच समझकर निकाय निकाय चुनाव उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा। पार्टी टिकट में उन लोगों को ही प्राथमिकता देगी जो लगातार अपने क्षेत्र में काम कर रहे हैं। जो लोग कल्याण और विकास में रुचि रखते हैं। मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी का अचानक ही दलित, पिछड़ों के प्रति उजागर होता है। वह अचानक ही बाबा साहेब आंबेडकर और कांशीराम के आदर्शों की बात करने लगते हैं। लेकिन समाज कभी भी उनके साथ नहीं हो सकता है। सभी 1995 में गेस्ट हाउस कांड में जो कुछ भी हुआ वह उसे जानते हैं।
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