अवैध धर्मांतरण गैंग पर फिर चला बुलडोजर, छांगुर बाबा के भतीजे का मकान जमींदोज

Published : Jul 26, 2025, 03:02 PM IST
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सार

Bulldozer Action In UP: बलरामपुर में धर्मांतरण गिरोह से जुड़े सबरोज का अवैध मकान प्रशासन ने बुलडोजर से ढहाया। छांगुर बाबा का भतीजा था सबरोज, ATS ने किया था गिरफ्तार। सरकारी जमीन पर बना था मकान, तीन बार नोटिस भेजा गया था।

Chhangur Baba Nephew Arrested: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में अवैध धर्मांतरण नेटवर्क से जुड़े एक और आरोपी के खिलाफ प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। शनिवार को छांगुर बाबा के भतीजे सबरोज का अवैध रूप से बना मकान बुलडोजर से ढहा दिया गया। प्रशासन की यह सख्ती न केवल कानूनी कार्रवाई की मिसाल बन रही है, बल्कि धर्मांतरण जैसे गंभीर मामलों में राज्य सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को भी सामने रखती है।

कौन है सबरोज और क्या है उसका संबंध धर्मांतरण गैंग से?

19 जुलाई को यूपी ATS ने सबरोज को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में सामने आया कि वह छांगुर बाबा के धर्मांतरण रैकेट में सक्रिय भूमिका निभा रहा था। सबरोज न केवल बाबा का रिश्तेदार (भतीजा) है, बल्कि बलरामपुर स्थित उनके तमाम अवैध गतिविधियों का संचालन भी देखता था।

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अचानक क्यों आई बुलडोजर की नौबत?

प्रशासन के मुताबिक, सबरोज ने रेहरा माफी गांव में सरकारी जमीन पर करीब 300 स्क्वायर फीट में अवैध मकान बनवाया था। तीन महीने पहले इसकी शिकायत मिलने के बाद जांच की गई, और कब्जा सही पाए जाने पर उसे मई, जून और फिर जुलाई में तीन बार नोटिस भेजा गया। जब कोई जवाब नहीं मिला, तो 27 जुलाई को कार्रवाई की गई।

शनिवार सुबह 11 बजे एसडीएम उतरौला सत्यपाल प्रजापति के नेतृत्व में प्रशासन की टीम दो बुलडोजरों और भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंची। मकान में एक कमरा, एक किचन और एक बरामदा बना था। केवल 30 मिनट में पूरा मकान जमींदोज कर दिया गया।

कार्रवाई के दौरान ASP विशाल पांडेय, CO राघवेंद्र सिंह और 30 से अधिक पुलिसकर्मी मौके पर तैनात रहे। दो बुलडोजरों ने समन्वय से पहले छत, फिर दीवारें गिराईं। प्रशासन ने पूरी प्रक्रिया को शांतिपूर्ण तरीके से अंजाम दिया।

क्या इससे पहले भी हुई हैं ऐसी कार्रवाइयाँ?

जी हां। सबरोज का घर छांगुर और नसरीन की उस कोठी से महज 1 किलोमीटर की दूरी पर था, जिस पर पहले ही प्रशासन 8, 9 और 10 जुलाई को बुलडोजर चला चुका है। वह कोठी 3 करोड़ रुपये की बताई गई थी और नसरीन के नाम दर्ज थी।

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