
Rajesh Upadhyay arrest: उत्तर प्रदेश में चल रहे धर्मांतरण नेटवर्क की परतें अब तेजी से खुल रही हैं। इस केस में एक और चौंकाने वाला नाम जुड़ गया है- बलरामपुर न्यायालय में तैनात लिपिक राजेश कुमार उपाध्याय। यूपी एसटीएफ ने उसे लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया है।
बलरामपुर कोर्ट में क्लर्क की नौकरी करने वाला राजेश उपाध्याय, छांगुर बाबा नेटवर्क का एक गुप्त किरदार बनकर सामने आया है। वह न केवल सरकारी कर्मचारी था, बल्कि कथित रूप से बड़े लेन-देन और संदिग्ध सौदों में भी सक्रिय था। गिरफ्तारी के समय वह लखनऊ के चिनहट इलाके में छिपा हुआ था।
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जानकारी के मुताबिक, पुणे में एक 16 करोड़ की प्रॉपर्टी डील में राजेश की पत्नी का नाम सामने आया है। अब जांच एजेंसियां यह जानने की कोशिश कर रही हैं कि कहीं यह सौदा हवाला या धर्मांतरण से जुड़ी रकम से तो नहीं हुआ?
सूत्रों के अनुसार, राजेश सिर्फ क्लर्क नहीं था - वह जमीन सौदों में बिचौलिया बन चुका था। रियल एस्टेट के जरिए काले धन को सफेद करने का काम भी उसी के जरिए हो रहा था। एटीएस अब इस एंगल की गहन जांच कर रही है।
छांगुर बाबा का नाम सामने आने के बाद से दर्जनों संदिग्ध सरकारी कर्मचारी और पदाधिकारी जांच के दायरे में आ चुके हैं। राजेश की गिरफ्तारी इस पूरे जाल में एक और मजबूत कड़ी साबित हो सकती है।
राजेश उपाध्याय की गिरफ्तारी के बाद अब एजेंसियां छांगुर बाबा नेटवर्क के और गहरे तार तलाशने में जुट गई हैं। संभावना है कि आने वाले दिनों में और भी प्रभावशाली चेहरों की गिरफ़्तारी होगी, जो धर्मांतरण और हवाला तंत्र से जुड़े हो सकते हैं।
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