
Changur Baba ED case: अवैध धर्मांतरण के आरोपों से घिरे जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उस पर कड़ा शिकंजा कसते हुए विदेशी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर सबूतों की पुष्टि की है। कई शहरों में की गई छापेमारी में ऐसे दस्तावेज हाथ लगे हैं, जो छांगुर के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की गवाही देते हैं।
ईडी की जांच में सामने आया है कि छांगुर बाबा ने न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी अपना नेटवर्क फैला रखा था। छांगुर और उसके करीबी नीतू और नवीन रोहरा के नाम पर दर्जनों शेल कंपनियां और बैंक अकाउंट खोले गए थे। इन खातों से करोड़ों रुपये स्विट्जरलैंड भेजे गए। शुरुआती जांच में अब तक 22 बैंक खातों के ज़रिए करीब 60 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का पता चला है।
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ईडी को छांगुर के स्विट्जरलैंड से जुड़े कई दस्तावेज मिले हैं, जिनमें बैंक खातों और संपत्तियों की जानकारी शामिल है। फिलहाल पनामा से कोई सीधा संबंध तो नहीं मिला है, लेकिन मध्य अमेरिका की लोगोस मरीन नामक कंपनी से जुड़े कुछ दस्तावेज ईडी के हाथ लगे हैं, जो उसकी गतिविधियों को अंतरराष्ट्रीय दायरे में ले जाते हैं।
बलरामपुर, लखनऊ और मुंबई समेत 15 ठिकानों पर छापेमारी के दौरान ईडी को कई चौंकाने वाले दस्तावेज मिले हैं।
ईडी के साथ-साथ यूपी एटीएस भी इस मामले में सक्रिय है। बलरामपुर से सबरोज और शहाबुद्दीन नामक दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जो कथित रूप से अवैध धर्मांतरण के जाल में शामिल थे। अब तक छांगुर, नवीन और नीतू की भूमिका भी स्पष्ट हो चुकी है।
छांगुर ने शेल कंपनियों और बुटीक जैसे प्रतिष्ठानों की आड़ में धर्मांतरण, विदेश फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग का पूरा जाल बिछा रखा था। ईडी को शक है कि इन गतिविधियों के पीछे एक संगठित नेटवर्क काम कर रहा था, जो देश और विदेश में फैला हुआ है।
छांगुर बाबा के खिलाफ अब जांच का दायरा और व्यापक होता जा रहा है। ईडी स्विट्जरलैंड में उसकी संपत्तियों और बैंक खातों की पुष्टि में जुटी है। यूपी एटीएस भी धर्मांतरण मामले में नए कड़ियों को जोड़ने में लगी है। आने वाले दिनों में इस केस से कई और बड़े नाम सामने आ सकते हैं।
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