UP Awas Vikas new rules: अब उत्तर प्रदेश में 100 वर्गमीटर तक के भूखंड पर मकान बनाने के लिए नक्शा पास कराना जरूरी नहीं होगा। नई भवन निर्माण उपविधि से घर से व्यवसायिक गतिविधियां चलाने की भी अनुमति मिलेगी। प्रस्ताव 22 जुलाई को आएगा।
House without map approval Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में छोटे भूखंड पर घर बनाने की सोच रहे लोगों के लिए एक राहत भरी खबर है। अब 100 वर्गमीटर तक के प्लॉट पर घर बनाने के लिए आपको नक्शा पास कराने की लंबी प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा। सरकार भवन निर्माण उपविधियों में बदलाव की तैयारी में है, जिससे निर्माण प्रक्रिया और अधिक सरल हो सके।
‘नक्शा पास कराना जरूरी नहीं’? क्या है प्रस्ताव में खास
22 जुलाई को आवास विकास परिषद की एक अहम बैठक होने जा रही है जिसमें नई भवन निर्माण उपविधि लागू करने का प्रस्ताव पेश होगा। इस प्रस्ताव के तहत छोटे भूखंडों यानी 100 वर्गमीटर तक के प्लॉट्स पर घर बनाने के लिए अब नक्शा पास कराने की बाध्यता खत्म की जा सकती है। इससे लाखों लोगों को न सिर्फ समय की बचत होगी बल्कि बेवजह के झंझट भी कम होंगे।
यह भी पढ़ें: लखनऊ मेट्रो में नशेड़ी का हाईवोल्टेज ड्रामा! महिलाओं को गालियां, फिर जो हुआ...
बिना नक्शा घर बनेगा, लेकिन क्या शर्तें होंगी?
भले ही नक्शा पास कराना आवश्यक न हो, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कोई भी अनियंत्रित निर्माण किया जा सकेगा। सरकार कुछ बेसिक सुरक्षा और तकनीकी मानकों को लागू रखेगी, ताकि निर्माण सुरक्षित, संतुलित और शहर की संरचना के अनुकूल हो। इससे अनधिकृत निर्माण पर भी नियंत्रण बना रहेगा।
क्या अब घर से ही चला सकेंगे व्यापार?
नई उपविधि का एक और बड़ा फायदा यह है कि अब लोग आवासीय भूखंडों पर छोटे व्यवसायिक कार्य भी कर सकेंगे। यानी आपके घर में छोटी दुकान, क्लिनिक, बुटीक या ऑफिस जैसी गतिविधियां संभव होंगी — जो अब तक सिर्फ कॉमर्शियल प्लॉट्स के लिए मान्य थीं। यह बदलाव खासकर महिलाओं, फ्रीलांसरों और स्टार्टअप शुरू करने वालों के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है।
सिर्फ लखनऊ नहीं, कई शहरों को मिलेगा फायदा
यह प्रस्ताव केवल राजधानी तक सीमित नहीं रहेगा। लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के कई बड़े शहरों जैसे कानपुर, गाजियाबाद, वाराणसी, मेरठ, प्रयागराज आदि में आवास विकास परिषद की कॉलोनियों में यह नियम लागू किया जाएगा। इसका मकसद पूरे राज्य में भवन निर्माण प्रक्रिया को लोकप्रिय और सुगम बनाना है।
अब तक, छोटे भूखंड पर घर बनाने वालों को भी वही प्रक्रिया अपनानी होती थी जो बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए होती है। न केवल अधिक समय और पैसाखर्च होता था, बल्कि आम लोगों के लिए यह प्रक्रिया भ्रमित करने वाली भी थी। सरकार को लंबे समय से इस बात की शिकायतें मिल रही थीं कि नियम छोटे भूखंड वालों के लिए अनुपयुक्त हैं।
आवास विकास परिषद की बैठक 22 जुलाई को होने वाली है। यदि इस दिन प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है, तो भवन निर्माण की दिशा में यह एक बड़ा सुधार होगा। छोटे भूखंडों पर घर बनाना आसान होगा और लाखों लोगों का सपना कुछ कदम और करीब आएगा।
यह भी पढ़ें: Lucknow-Kanpur Expressway अपडेट: अब कब दौड़ेंगी गाड़ियां, जानिए पूरा शेड्यूल
