चाइनीज मांझे को लेकर सरकार लगातार सख्ती अपना रही है, बावजूद इसका इस्तेमाल जारी है। चाइनीज मांझा कइयों के गले काट चुका है। ऐसे ही एक खौफनाक घटनाक्रम में मुरादाबाद के एक पीतल व्यापारी का गला कट गया।
मुरादाबाद. चाइनीज मांझे को लेकर सरकार लगातार सख्ती अपना रही है, बावजूद इसका इस्तेमाल जारी है। चाइनीज मांझा कइयों के गले काट चुका है। ऐसे ही एक खौफनाक घटनाक्रम में मुरादाबाद के एक पीतल व्यापारी का गला कट गया। उसे गंभीर हालत में अस्पताल में वेंटिलेटर पर रखा गया है।
चाइनीज मांझे का खतरा, मुरादाबाद की घटना से जुड़ीं 10 बड़ी बातें
1.यह मामला 18 अक्टूबर शाम करीब 5 बजे का है। शहर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला तम्बाकू बालान के रहने वाले पीतल व्यापारी 50 वर्षीय मोहम्मद इकबाल चाइनीज मांझे की चपेट में आकर बुरी तरह घायल हो गए।
2.इकबाल की ताजपुर माफी में एक्सपोर्ट की फर्म है। वे अपनी स्कूटी से फर्म जा रहे थे, तभी जामा मस्जिद के पास वो चाइनीज मांझे की चपेट में आ गए।
3. इकबाल की गर्दन में चाइनीज मांझे से गहरा कट लगा। जब उनकी गर्दन से खून रिसने लगा, तो वो घबरा गए। आसपास मौजूद लोगों ने उनकी मदद की।
4. वहां मौजूद लोगों ने इकबाल को तुरंत एक निजी अस्पताल पहुंचाया। वहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
5. बता दें कि चाइनीज मांझा नायलॉन से बनता है, जबकि आम मांझा सूती धागे से। देसी मांझा कच्चा होता है, इसलिए यह घातक नहीं होता। चाइनीज मांझा काफी मजबूत होता है।
6.चीनी मांझे को बनाने में 5 तरह के केमिकल और कई धातुओं का प्रयोग किया जाता है। इसमें अल्युमिनियम ऑक्साइड और लेड का इस्तेमाल होता है। ये चीजें धागे को धारदार और खतरनाक बना देती हैं।
7. पतंगबाजी में अपनी पतंग को कटने से बचाने कई बार लोग चाइनीज धागे का इस्तेमाल करते हैं। जब कोई इनकी चपेट में आ जाता है, तो वो घायल हो जाता है।
8.चाइनीज मांझे पर बैन लगा हुआ है, बावजूद दुकानदार अच्छी कमाई के चक्कर में इस चोरी-छुप बेच रहे हैं।
9. एक्सपर्ट बताते हैं कि चाइनीज धागे में मेटल का इस्तेमाल होता है, इसलिए जब यह बिजली के तारों को छूता है, तो पतंग उड़ाने वाले को करंट लगने का खतरा बढ़ जाता है।
10. उदाहरण के तौर पर बता दें कि दिल्ली में 2017 में ही चाइनीज मांझा बैन कर दिया गया था। हालांकि कुछ दुकानदार अब भी इसे चोरी-छुपे बेच रहे हैं।
यह भी पढ़ें
कुंडा के MLA राजा भैया की पत्नी ब्रांडेड चीजों पर खर्च करती हैं हर महीने ₹10 लाख, ऐसे हुआ खुलासा