
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश तेजी से एआई आधारित शासन का केंद्र बन रहा है। सीएम योगी का लक्ष्य है कि तकनीक के माध्यम से हर क्षेत्र में यूपी देश ही नहीं, बल्कि दुनिया के सामने एक नया मानक पेश करे। जहां कई देश अभी एआई प्रयोग के शुरुआती चरण में हैं, वहीं यूपी कई क्षेत्रों में एआई को बड़े पैमाने पर लागू कर चुका है। सीएम योगी ने तकनीक को नारे की जगह शासन का स्थायी हिस्सा बना दिया है, जिससे यूपी अपने भविष्य को नए रूप में तैयार कर रहा है।
राजधानी लखनऊ को देश की पहली पूर्ण विकसित एआई सिटी के रूप में तैयार किया जा रहा है। यहाँ केवल स्मार्ट सिटी मॉडल नहीं, बल्कि एआई आधारित इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ को एआई आधारित राष्ट्रीय शासन-कमांड सेंटर के रूप में विकसित कर रहे हैं।
सीएम योगी के नेतृत्व में यूपी का स्वास्थ्य क्षेत्र तेजी से तकनीकी बदलाव से गुजर रहा है। अब इलाज ही नहीं, बल्कि बीमारियों का पूर्वानुमान भी एआई की मदद से संभव हो रहा है।
उत्तर प्रदेश डिजिटल शिक्षा के नए मॉडल की ओर बढ़ रहा है। सीएम योगी तकनीक को ग्रामीण कक्षाओं और वैश्विक शिक्षा स्तर के बीच जोड़ने वाला पुल मानते हैं। प्रमुख पहल:
विश्व बैंक समर्थित UP Agris कार्यक्रम के माध्यम से 10 लाख से अधिक किसान एआई आधारित सलाह से जुड़े हैं। उपग्रह चित्रों, मिट्टी परीक्षण, मौसम मॉडल और डिजिटल ट्रैकिंग की सहायता से कृषि अधिक वैज्ञानिक और उत्पादक बन रही है। एआई आधारित लाभ:
एआई आधारित तंत्र के कारण अब कल्याण योजनाएं धीमी प्रक्रिया नहीं, बल्कि रियल-टाइम सेवा बन गई हैं। मुख्य फायदे:
राज्य के कई नगर निगमों में एआई आधारित सुरक्षा प्रणालियाँ लागू हैं, जिससे सुरक्षा व्यवस्था अधिक मजबूत हो रही है।
राजस्व और संसाधन प्रबंधन: एआई बना निष्पक्ष समाधानकर्ता
भूमि विवाद, अतिक्रमण और अवैध खनन जैसी चुनौतियों से निपटने में एआई तेजी से कारगर साबित हो रहा है। डेटा आधारित निर्णय प्रक्रिया से पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ी है। मुख्य उपयोग:
एनआईसी द्वारा विकसित ध्वनि (DHVANI) प्लेटफ़ॉर्म यूपी शासन का एआई इंजन बन रहा है। यह विभागों को आपस में जोड़कर शिकायत निस्तारण, दस्तावेज़ीकरण और सेवाओं को स्वचालित करता है।
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