
लखनऊ। वर्ष 2025 उत्तर प्रदेश के स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए एक ऐतिहासिक वर्ष बनकर उभरा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश ने नवाचार, उद्यमिता और रोजगार सृजन के क्षेत्र में बड़ी छलांग लगाई है। इसी का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश आज देश का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन चुका है।
बीते एक वर्ष में प्रदेश में लगभग 5,000 नए स्टार्टअप्स शुरू हुए हैं, जिससे कुल स्टार्टअप्स की संख्या 21,000 से अधिक पहुंच गई है। यह तेजी प्रदेश की मजबूत नीतियों और अनुकूल कारोबारी माहौल को दर्शाती है।
उत्तर प्रदेश के स्टार्टअप इकोसिस्टम की एक बड़ी विशेषता महिला उद्यमिता का मजबूत उभार है। प्रदेश में 9,000 से अधिक स्टार्टअप्स का संचालन महिलाएं कर रही हैं, जो उद्यमिता में लैंगिक समानता और सामाजिक बदलाव का संकेत है।
योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार महिला उद्यमियों के स्वावलंबन और सशक्तीकरण को लेकर गंभीर और संवेदनशील रही है। सरकारी योजनाओं और वित्तीय सहयोग ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का आत्मविश्वास दिया है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2024 तक उत्तर प्रदेश में DPIIT पंजीकृत स्टार्टअप्स की संख्या लगभग 16,000 थी, जो दिसंबर 2025 तक बढ़कर 21,559 हो गई।
यह वृद्धि केवल संख्या तक सीमित नहीं है, बल्कि गुणवत्ता, निवेश और रोजगार सृजन के स्तर पर भी प्रदेश ने मजबूत उपस्थिति दर्ज की है।
योगी सरकार की स्पष्ट नीतियां, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार और डिजिटल प्रक्रियाओं ने स्टार्टअप्स को तेजी से आगे बढ़ने का अवसर दिया है। मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर और युवाओं पर केंद्रित दृष्टिकोण ने उत्तर प्रदेश को निवेशकों और उद्यमियों के लिए एक भरोसेमंद गंतव्य बना दिया है।
योगी सरकार की एक बड़ी उपलब्धि यह रही कि स्टार्टअप इकोसिस्टम को केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं रखा गया। आज प्रदेश के सभी 75 जिलों में स्टार्टअप गतिविधियां सक्रिय हैं। जहां पहले स्टार्टअप्स नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ और कानपुर जैसे शहरों तक सीमित थे, वहीं अब बुंदेलखंड, पूर्वांचल और तराई क्षेत्रों में भी तेजी से स्टार्टअप्स उभर रहे हैं।
छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में एग्रीटेक, फूड प्रोसेसिंग, हैंडलूम, डेयरी और लोकल सर्विस आधारित स्टार्टअप्स तेजी से विकसित हो रहे हैं। इससे शहरी के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सीधा लाभ मिला है और स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं।
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान, महिला स्टार्टअप प्रोत्साहन योजनाएं और आसान वित्तीय सहायता ने युवाओं और महिलाओं को स्वरोजगार के लिए आगे आने के लिए प्रेरित किया है। स्टार्टअप्स के माध्यम से महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं, बल्कि समाज में नेतृत्व की भूमिका भी निभा रही हैं।
स्टार्टअप्स को मजबूत आधार देने के लिए प्रदेश में 76 इंक्यूबेटर और 7 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस सक्रिय हैं। ये संस्थान स्टार्टअप्स को मेंटरशिप, तकनीकी सहायता, रिसर्च सपोर्ट और निवेशकों से जोड़ने का कार्य कर रहे हैं। आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स, हेल्थटेक, एग्रीटेक और ग्रीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों में स्थापित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ने नवाचार को संस्थागत समर्थन प्रदान किया है।
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