
अयोध्या आज उस मोड़ पर खड़ी है, जहां सप्त पुरियों में प्रथम पुरी की आध्यात्मिक पहचान और 21वीं सदी के आधुनिक शहर की जरूरतें एक साथ आकार ले रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में विजन- 2031 के तहत अयोध्या को वैश्विक आध्यात्मिक- पर्यटन केंद्र बनाने की दीर्घकालिक योजना लागू है। इसमें कनेक्टिविटी, स्वच्छता, सांस्कृतिक संरक्षण, तकनीक आधारित सुविधाओं और सुंदर बुनियादी ढांचे जैसे आठ प्रमुख आयामों पर विकास हो रहा है।
821 एकड़ में बना महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा 2200 मीटर लंबे रनवे और आधुनिक नेविगेशन सिस्टम के साथ बड़े विमानों के संचालन के लिए तैयार है। आगे के चरणों में इसका विस्तार जारी है, जिससे करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए हवाई यात्रा आसान होगी। अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन को जी+2 भवन, 6 प्लेटफॉर्म और 50,000 यात्रियों की क्षमता वाले आधुनिक टर्मिनल में बदला गया है। यहां अमृत भारत और वंदे भारत जैसी प्रीमियम ट्रेनें रुक रही हैं।
शहर में राम पथ, भक्ति पथ, श्रीराम जन्मभूमि पथ और चार लेन वाला धर्म पथ जैसी परियोजनाओं ने सहादतगंज से नयाघाट और लता मंगेशकर चौक से लखनऊ–गोरखपुर मार्ग तक यात्रा को सुगम बना दिया है। चौड़ी सड़कों, पैदल पथ, बस-बे, विंटेज लाइटिंग और रामायण म्यूरल्स ने यात्रा को अनुभवात्मक बनाया है।
133 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के लिए तैयार जीआईएस आधारित मास्टर प्लान–2031 को ऑनलाइन भवन नक्शा पासिंग प्रणाली से जोड़ा जा रहा है, जिससे सुनियोजित शहरीकरण सुनिश्चित होगा। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 22 प्रमुख चौराहों पर रेड लाइट वायलेशन डिटेक्शन सिस्टम और एडैप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम लगाए जा रहे हैं। हनुमानगढ़ी, नयाघाट, रेलवे स्टेशन और गुप्तार घाट पर वाईफाई ज़ोन विकसित किए गए हैं। एआर/वीआर आधारित 3डी मेटावर्स के जरिए वर्चुअल रामायण कथा और अयोध्या दर्शन उपलब्ध कराने वाला अनुभव केंद्र इस बात का संकेत है कि तीर्थनगरी तकनीक के साथ कदमताल कर रही है।
रामघाट स्थित 12 MLD एसटीपी में 6 MLD अतिरिक्त क्षमता जोड़ी जा रही है ताकि भविष्य की जनसंख्या के अनुरूप सीवेज प्रबंधन बेहतर हो सके। 15 वार्डों की 181 गलियों में जलापूर्ति, जलनिकासी, सड़क और नाली के निर्माण कार्य पूरे किए गए हैं। पांच सार्वजनिक शौचालय- यूटिलिटी केंद्र, एनिमल बर्थ कंट्रोल कार्यक्रम, छुट्टा पशुओं का प्रबंधन और 10 पारंपरिक क्रिमेशन चेंबरों का नवीनीकरण, साथ ही 2 इलेक्ट्रिक और 2 ग्रीन क्रिमेशन चैंबर पर्यावरण और आस्था दोनों का संतुलन बनाए रखते हैं।
गुप्तार घाट पर 24 मीटर चौड़ी सड़क, पार्किंग, कियोस्क और सार्वजनिक अवकाश स्थलों के विकास ने इसे वॉटर स्पोर्ट्स और जल पर्यटन का नया केंद्र बना दिया है। राम की पैड़ी और नयाघाट के सौंदर्यीकरण के साथ पत्थर की 32 छतरियां, 11 स्तंभ और 60 इंटरप्रिटेशन वॉल सरयू तट को दिव्य स्वरूप दे रही हैं।शहर में एलिवेटेड बैकलाइट ‘अयोध्या लोगो’, देवी-देवताओं के वाहनों की 12 कॉर्टन स्टील मूर्तियां, दशरथ महल और सूर्यकुंड पर फसाड लाइटिंग से शहर की नई दृश्य पहचान उभर रही है। 75 स्थलों पर 15,000 पौधों और मियावाकी वन के विकास ने हरियाली को भी बढ़ाया है।
ऐतिहासिक स्थलों का पुनरुद्धार सरफेस सुधार और भित्ति चित्रों के जरिए किया जा रहा है। श्रीराम हेरिटेज वॉक के तहत 81 दीवारों पर बने 162 म्यूरल श्रद्धालुओं को रामकथा की निरंतर झांकी प्रस्तुत करते हैं। धर्म पथ का भव्य प्रवेश द्वार, रामायण थीम पर आधारित मिरर मेज और महारानी हियो ह्वांग- ओक को समर्पित क्वीन हो मेमोरियल पार्क का जीर्णोद्धार सांस्कृतिक विविधता का संदेश देता है। रामकथा पार्क का सौंदर्यीकरण और अयोध्या शोध संस्थान को अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान बनाने की प्रक्रिया अयोध्या को वैश्विक सांस्कृतिक केंद्र बना रही है।
पंचकोसी और चौदह कोसी परिक्रमा मार्गों के 24 प्रमुख स्थलों पर विश्राम गृह, शौचालय, पेयजल और खाद्य सुविधाएं विकसित की गई हैं। 84 कोसी परिक्रमा मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित कर इसका बुनियादी ढांचा मजबूत हुआ है। दशरथ समाधि स्थल, भरतकुंड, जानमजेय कुंड और अन्य 8 प्रमुख कुंडों का विकास, साथ ही संत रविदास मंदिर परिसर का संरक्षण आध्यात्मिकता और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देता है।
NH-28 किनारे 20 सुइट कक्षों और बैठक हॉल का निर्माण, 49 विद्यालयों का नवीनीकरण और चार समग्र विद्यालयों का पुनर्निर्माण मानव विकास को नई दिशा दे रहे हैं। आईटीआई की स्थापना से युवा कौशल को बढ़ावा मिल रहा है। अरुंधति पार्किंग- व्यावसायिक संकुल में 36 दुकानें, दफ्तर, 240 कार पार्किंग, 180 बेड की डॉरमेट्री, फूड कोर्ट और ऑनलाइन पार्किंग व्यवस्था पर्यटन अर्थव्यवस्था को मजबूत बना रही है।
राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय में शैक्षणिक भवन और ओपीडी ब्लॉक का निर्माण, राजर्षि दशरथ स्वशासी मेडिकल कॉलेज की स्थापना, कुमारगंज में 100 बेड और मिल्कीपुर में 50 बेड के अस्पताल स्वास्थ्य सुविधाओं का नया आधार बन रहे हैं। ये सुविधाएं स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ तीर्थयात्रियों के लिए भी स्वास्थ्य सुरक्षा का भरोसा देती हैं।
इन आठ आयामों के साथ अयोध्या एक ऐसे मॉडल शहर के रूप में उभर रही है, जहां विरासत, आस्था और आधुनिक विकास साथ-साथ बढ़ रहे हैं। यह आध्यात्मिक पहचान को बनाए रखते हुए भविष्य की जरूरतों के अनुरूप नया रूप ले रही है।
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