
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को बस्ती जनपद के बसहवा में सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का भूमि पूजन व शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने पौधरोपण और पुस्तक का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में सीएम योगी ने शिक्षा, राष्ट्र निर्माण और भारतीय परंपरा से जुड़े मूल्यों पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षण संस्थान केवल पढ़ाई का केंद्र नहीं, बल्कि बच्चों के संपूर्ण व्यक्तित्व विकास की नींव रखते हैं।
सीएम योगी ने कहा कि आजादी के बाद शिक्षा को भारतीयता, परंपरा और संस्कृति से जोड़ने का प्रयास तत्कालीन सरकारें नहीं कर सकीं। ऐसे समय में नाना जी देशमुख ने सरस्वती शिशु मंदिर की शुरुआत गोरखपुर से की। यही संस्थान आगे चलकर विद्या भारती के रूप में देशभर में राष्ट्र निर्माण की धुरी बना।
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मुख्यमंत्री ने बताया कि 1950 के दशक में पांच छात्रों से शुरू हुआ यह अभियान आज 12 हजार विद्यालयों तक पहुँच गया है। यहां से निकले छात्र समाज को नेतृत्व भी दे रहे हैं और मार्गदर्शन भी कर रहे हैं। शिक्षा का उद्देश्य केवल रोजगार नहीं, बल्कि संस्कार और नागरिक कर्तव्यों का बोध कराना है।
सीएम योगी ने कहा कि किसी भी देश के आत्मनिर्भर और शक्तिशाली बनने की शुरुआत शिक्षा से होती है। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, कौशल और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में संतुलित विकास ही भारत को विश्व पटल पर अग्रणी बनाएगा।
मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि भारत को अपनी विरासत का सम्मान करना होगा। उन्होंने कश्मीर से धारा 370 हटने, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और महाराज सुहेलदेव के योगदान को उदाहरण बताते हुए कहा कि अब भारत गुलामी की मानसिकता से बाहर आ रहा है।
सीएम योगी ने कहा कि जब पैसा विदेशी कंपनियों के पास जाता है तो उसका लाभ आतंकवाद जैसी गतिविधियों में खर्च होता है। इसलिए हमें अपने कारीगरों और हस्तशिल्पियों के उत्पाद अपनाने होंगे।
कार्यक्रम में सीएम ने डिजिटल प्लेटफॉर्म, सोशल मीडिया और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अवसरों व चुनौतियों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल केवल उतना ही होना चाहिए, जो समाज और राष्ट्रहित में उपयोगी हो।
सीएम योगी ने बताया कि प्रदेश में साढ़े आठ लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई है। सिर्फ लखनऊ में दो दिन के भीतर छह हजार नियुक्ति पत्र बांटे गए हैं। उन्होंने कहा कि आज यूपी युवा को प्रदेश में ही रोजगार की गारंटी मिल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी गोरखपुर-बस्ती क्षेत्र में इंसेफेलाइटिस से हर साल सैकड़ों बच्चों की जान जाती थी, लेकिन अब माता-पिता को इस बीमारी से डरने की जरूरत नहीं है। स्वच्छ भारत मिशन ने इस पर काबू पाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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