
सुबह की हल्की ठंड और मंदिर परिसर में फैली शांत हवा के बीच गोरखनाथ मंदिर का महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन आज फिर मानवता की सबसे बड़ी कसौटी का गवाह बना। शनिवार की सुबह जनता दर्शन में बैठे लोग उम्मीद की डोर थामे हुए थे कि शायद आज उनकी पीड़ा का समाधान मिल जाए। और जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सभागार में पहुंचे, तो हर चेहरे पर यह भरोसा और गहरा गया कि उनकी तकलीफें अनसुनी नहीं जाएंगी।
जनता दर्शन में सबसे ज्यादा आवेदन उन लोगों के थे जो गंभीर बीमारियों से जूझ रहे अपने या परिजनों के इलाज के लिए आर्थिक सहायता चाहते थे। मुख्यमंत्री योगी ने सभी को एक ही बात दोहराई- उच्चीकृत अस्पतालों में बिना किसी भय के इलाज कराएं, सरकार इलाज का पूरा खर्च वहन करेगी।
उन्होंने अफसरों को सख्त निर्देश दिया कि जिन मरीजों को आर्थिक मदद की आवश्यकता है, उनके उपचार से जुड़े इस्टीमेट की प्रक्रिया को तेजी से पूरा कर शासन को भेजा जाए। सरकार की ओर से मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से हर जरूरतमंद को पर्याप्त सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
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शुक्रवार देर रात गोरखपुर पहुंचे मुख्यमंत्री ने शनिवार सुबह जनता दर्शन में लगभग 200 नागरिकों से मुलाकात की।मंदिर परिसर में लगाए गए कुर्सियों पर बैठे लोग एक-एक करके CM तक पहुंचे, अपनी बातें कहीं और उनसे राहत की उम्मीद लिए बाहर निकले।
मुख्यमंत्री ने सभी प्रार्थना पत्र मौके पर मौजूद अधिकारियों को सौंपते हुए कहा कि: हर समस्या का समाधान होगा, किसी को घबराने या परेशान होने की जरूरत नहीं है।
सीएम योगी ने स्पष्ट कहा कि प्रशासन जनता की समस्याओं को पूरी संवेदनशीलता से सुने और उनका समयबद्ध, गुणवत्तापूर्ण और संतोषजनक निस्तारण करे।
उन्होंने विशेष रूप से निर्देश दिए:
हर बार की तरह इस बार भी जनता दर्शन में महिलाओं की संख्या अधिक रही। एक बेटी अपनी मां के इलाज के लिए आर्थिक सहायता मांग रही थी। मुख्यमंत्री ने उसकी ओर देखते हुए कहा - चिंता मत करो, इलाज कराओ, पैसे की व्यवस्था सरकार करेगी। उनकी यह बात कई और चेहरों पर राहत ले आई।
गोरखनाथ मंदिर में आयोजित जनता दर्शन सिर्फ शिकायतें सुनने का मंच नहीं, बल्कि एक ऐसा स्थान है जहां हर व्यक्ति बिना किसी भय के अपनी बात रख सकता है। शनिवार का यह सत्र फिर साबित कर गया कि सरकार का दरवाजा आम नागरिकों के लिए हमेशा खुला है, और इलाज जैसे संवेदनशील मामलों में आर्थिक मदद प्राथमिकता पर दी जाएगी।
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