
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समाज को आगे बढ़ाने के लिए इतिहास के गौरवशाली क्षणों से प्रेरणा लेना आवश्यक है। इतिहास में हुई गलतियों का समय रहते परिमार्जन होना चाहिए। जहां त्रुटि हुई है, वहां सुधार जरूरी है और अच्छे कार्यों को जीवन की प्रेरणा बनाकर आगे बढ़ना ही समाज की प्रगति का मार्ग है।
उन्होंने कहा कि भारत ने अपनी समृद्ध परंपराओं को पर्व-त्योहारों के माध्यम से संजोकर रखा है। राजनीति अपना कार्य करती रही, लेकिन राजे-रजवाड़ों और समाज के नेतृत्वकर्ताओं ने संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन में हमेशा सकारात्मक भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री योगी मंगलवार को कॉल्विन तालुकेदार्स कॉलेज में आयोजित 134वीं वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता के समापन समारोह में विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री योगी ने मार्च पास्ट की सराहना करते हुए कहा कि विद्यार्थियों का अनुशासन, कदम से कदम मिलाकर चलने की भावना और समर्पण देखकर ऐसा लगा मानो नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आह्वान पर आज़ाद हिंद फौज के युवा देश की सेवा के लिए आगे बढ़ रहे हों। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन विद्यार्थियों में अनुशासन, आत्मविश्वास और राष्ट्रभक्ति को मजबूत करते हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने इस अवसर पर कॉलेज के पूर्व अध्यक्ष कुंवर आनंद सिंह को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि संस्था के विकास और उन्नयन को लेकर उनसे कई बार चर्चा हुई थी। आज वे भौतिक रूप से हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी स्मृतियां सदैव मार्गदर्शन करती रहेंगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समाज को तोड़ने वाले तत्व हर समय मौजूद रहते हैं, लेकिन समाज को जोड़ने की जिम्मेदारी शिक्षण संस्थानों की होती है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1889 में जब इस कॉलेज की स्थापना हुई होगी, तब देश की परिस्थितियां अत्यंत कठिन थीं। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के बाद गुलामी को स्थायी मान लिया गया था, लेकिन उसी दौर में वंदे मातरम् जैसे विचारों ने स्वतंत्रता की चेतना को पुनर्जीवित किया।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने अपने उपन्यास आनंदमठ के माध्यम से वंदे मातरम् जैसी कालजयी रचना दी। वर्ष 1896 में कांग्रेस के मंच से गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा इसे स्वर दिए जाने के बाद यह आज़ादी के आंदोलन का प्रेरक मंत्र बन गया।
मुख्यमंत्री योगी ने कॉल्विन तालुकेदार्स कॉलेज द्वारा अजंता, नालंदा, तक्षशिला, सांची और उज्जैन जैसे ऐतिहासिक स्थलों के नाम पर बनाए गए हाउस सिस्टम की सराहना की। उन्होंने कहा-
इन मूल्यों के आधार पर विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करना प्रशंसनीय प्रयास है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यह वर्ष भारत के गौरवशाली इतिहास की कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों से जुड़ा है। इनमें शामिल हैं-
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रभु श्रीराम के अयोध्या लौटने का उत्सव अब केवल अयोध्या तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पूरे देश ने दीपावली के रूप में इसे अपनाया। होली सामाजिक समता का पर्व बनी, जबकि रामनवमी, जन्माष्टमी, शिवरात्रि और रक्षाबंधन जैसे पर्वों ने समाज को जोड़ने का कार्य किया। हमारे पूर्वजों ने इन पर्वों को परंपरा के रूप में सहेजकर पीढ़ियों तक आगे बढ़ाया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जीवन में सफलता के लिए अनुशासन और परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है। नियमित अध्ययन के साथ किसी रचनात्मक गतिविधि से जुड़ना जरूरी है। उन्होंने समय पर सोने-जागने, संयमित दिनचर्या और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री योगी ने विद्यार्थियों को सोशल मीडिया और स्मार्टफोन के अत्यधिक उपयोग से बचने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि इनका उपयोग आधे घंटे से अधिक न करें। उन्होंने कहा कि भाषा और ज्ञान का विकास समाचार पत्रों और अच्छी पुस्तकों से होता है। विद्यार्थियों को लाइब्रेरी जाकर ऐतिहासिक और पौराणिक साहित्य पढ़ना चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में खेलो इंडिया, फिट इंडिया और सांसद खेलकूद प्रतियोगिताओं से खेल संस्कृति को बढ़ावा मिला है। हर गांव में खेल का मैदान और स्टेडियम होना चाहिए। उन्होंने ओपन एयर जिम और नियमित शारीरिक गतिविधि अपनाने की बात कही।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हम तकनीक के नए युग में प्रवेश कर रहे हैं। तकनीक हमारा वाहक बने, हम तकनीक के वाहक न बनें। उन्होंने एआई, ड्रोन और रोबोटिक्स जैसे क्षेत्रों में उपलब्ध अवसरों के प्रति जागरूक रहने और वैश्विक विकास से अपडेट रहने की आवश्यकता बताई।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि समाज में कुछ लोग भ्रम फैलाते हैं। ऐसे लोगों से दूर रहकर अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। हार से घबराने के बजाय उससे सीख लेकर आगे बढ़ना ही सफलता का मार्ग है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को कप और शील्ड प्रदान कर सम्मानित किया। सम्मानित छात्रों में दिनेश प्रताप सिंह, प्रांजल त्रिपाठी, देवराज सिंह पटेल, आयुषी सिंह और सार्थक त्रिपाठी शामिल रहे। इस अवसर पर 11 गोरखा राइफल्स के बैंड ने परेड के माध्यम से मुख्यमंत्री को सलामी दी। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह सहित अनेक जनप्रतिनिधि, शिक्षक, विद्यार्थी और अभिभावक उपस्थित रहे।
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