
लखनऊ, 14 अक्टूबर। दीपावली के अवसर पर योगी सरकार उत्तर प्रदेश की करोड़ों माताओं-बहनों के चेहरों पर मुस्कान लाने जा रही है। राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित परिवारों को राहत देते हुए दो निःशुल्क एलपीजी सिलेंडर रिफिल देने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को लोकभवन सभागार में इस योजना का शुभारंभ करेंगे और पात्र महिलाओं को मुफ्त सिलेंडर रिफिल का उपहार सौंपेंगे। यह कदम सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसके तहत वह गरीबों, महिलाओं और ग्रामीण परिवारों को स्वच्छ ईंधन और आर्थिक सहारा देने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत मई 2016 में हुई थी। इसका उद्देश्य ग्रामीण और वंचित परिवारों को लकड़ी, कोयला या गोबर के उपले जैसे पारंपरिक ईंधन से मुक्त कराना और उन्हें एलपीजी जैसी स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराना था। इस योजना ने ग्रामीण भारत की रसोई को धुएं से मुक्त किया और महिलाओं-बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को कम किया। उत्तर प्रदेश इस योजना के सफल क्रियान्वयन में अग्रणी रहा है। अब तक 1.86 करोड़ परिवारों को उज्ज्वला कनेक्शन दिए जा चुके हैं।
राज्य सरकार ने उज्ज्वला लाभार्थियों को प्रति वर्ष दो मुफ्त एलपीजी रिफिल देने का निर्णय लिया है। यह वितरण वित्तीय वर्ष 2025-26 में दो चरणों में किया जाएगा:
इस योजना के सफल संचालन के लिए सरकार ने ₹1500 करोड़ की राशि का प्रावधान किया है।
योजना के पहले चरण में आधार प्रमाणित लाभार्थियों को प्राथमिकता दी जा रही है। राज्य में वर्तमान में 1.23 करोड़ उज्ज्वला लाभार्थियों का आधार सत्यापन पूरा हो चुका है। तीनों ऑयल कंपनियों- इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम- के माध्यम से वितरण सुनिश्चित किया जा रहा है। राज्य स्तरीय समन्वयकों की मांग पर ₹346.34 करोड़ की अग्रिम राशि ऑयल कंपनियों को प्रदान की जा चुकी है ताकि वितरण में देरी न हो।
लाभार्थी पहले अपने स्तर से सब्सिडी सहित प्रचलित दर पर सिलेंडर रिफिल खरीदेंगे। इसके बाद 3 से 4 दिनों के भीतर सब्सिडी की राशि उनके आधार लिंक बैंक खाते में ऑयल कंपनियों द्वारा वापस जमा कर दी जाएगी। केंद्र और राज्य सरकार दोनों की ओर से यह राशि अलग-अलग लाभार्थियों के खातों में भेजी जाएगी। जिनके पास 5 किग्रा के सिलेंडर हैं, वे चाहें तो 14.2 किग्रा के सिलेंडर भी प्राप्त कर सकते हैं। अगर किसी के पास सिर्फ एक LPG कनेक्शन है, तो उसे भी इस योजना का लाभ मिलेगा।
जिन लाभार्थियों का आधार प्रमाणन अभी नहीं हुआ है, उनका सत्यापन प्रशासन और ऑयल कंपनियों के सहयोग से तेजी से किया जा रहा है। कंपनियों द्वारा लाभार्थियों को एसएमएस भेजे जा रहे हैं ताकि वे शीघ्र अपना आधार सत्यापित करा सकें। इसके लिए एक विशेष एप विकसित किया जा रहा है और वितरकों के पास अतिरिक्त लैपटॉप लगाए जा रहे हैं। प्रत्येक वितरक के केंद्र पर बैनर, फ्लेक्सी और कैंप के माध्यम से प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है। सुविधा के लिए रोस्टर आधारित प्रमाणन प्रणाली लागू की गई है।
योजना के प्रभावी संचालन और निगरानी के लिए दो स्तरों पर समितियां बनाई गई हैं। राज्य स्तर पर खाद्यायुक्त कार्यालय में गठित समिति योजना की नियमित समीक्षा करेगी। जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति साप्ताहिक समीक्षा बैठकें आयोजित करेगी। इसके साथ ही, उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान के लिए शिकायत निवारण प्रणाली भी सक्रिय की गई है।
यह सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि उपभोक्ताओं को पूर्ण मात्रा (14.2 किग्रा) में गैस मिले। यदि किसी सिलेंडर का वजन कम पाया जाता है, तो वितरक अपने खर्चे पर सिलेंडर बदलेगा। बांट-माप विभाग और जिला प्रशासन को समय-समय पर जांच करने के आदेश दिए गए हैं ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
वैश्विक स्तर पर पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी के बीच योगी सरकार का यह निर्णय गरीब परिवारों को महंगाई से राहत देने वाला कदम है। इससे ग्रामीण इलाकों में स्वच्छ ईंधन के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा और पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यह योजना न केवल महिलाओं को आर्थिक राहत देगी, बल्कि उनके जीवन में सुविधा, स्वास्थ्य और सशक्तिकरण भी लाएगी।
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