
बागपत: यूपी के बागपत से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां पर एक ऐसा कार्यालय है, जहां पर कर्मचारी हेलमेट पहनकर काम करने को मजबूर हैं। विभागीय रिकॉर्ड के मुताबिक जनपद में चार विद्युत परीक्षण शालाएं हैं। इनमें से दो विद्युत परीक्षण शाला बड़ौत में, एक खेकड़ा और एक बागपत में है। खेकड़ा की विद्युत परीक्षण शाला में करीब 45 से अधिक कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर यहां काम करने को मजबूर हैं। यह कार्यालय काफी जर्जर हालत में खड़ा है। आए दिन प्लास्टर टूट कर गिरता है। जिसके कारण कर्मचारी वेदपाल, ललित सहित अन्य कर्मचारियों को चोट आई हैं।
कई कर्मचारियों ने लिया ट्रांसफर
वहीं कई कर्मचारी सुरक्षा के लिहाज से यहां पर हेलमेट पहनकर काम करते हैं। यहां पर काम करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि बारिश के दौरान इस कार्यालय में जगह-जगह से पानी रिसता है। जलभराव की स्थिति के बाद भी कर्मचारियों को मजबूरी में बैठकर काम करना पड़ता है। कई बार अधिकारियों को भवन की जर्जर स्थिति की जानकारी भी दी जा चुकी है। लेकिन इसके बाद भी कोई अधिकारी सुध नहीं ले रहा है। हादसे की आशंका से अवर अभियंता आकाश अपना ट्रांसफर लेकर काठा गांव चले गए हैं। इसके अलावा टीजी-2 अनिल, टीजी-2 प्रमोद मलिक ने भी अपना ट्रांसफर करवा लिया है। वहीं कई संविदा कर्मचारी व आपरेटर भी नौकरी छोड़ चुके हैं।
अधिकारी नहीं ले रहे कोई सुध
कर्मचारियों ने बताया कि तमाम शिकायतों के बाद भी मामले पर कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। वर्तमान समय में इस जर्जर भवन में ललित, वेदपाल, सीमा, सचिन, भोपाल, विकास, अनुज कुमार, अमित कुमार, संजय आदि कर्मचारी काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि महिला शौचालय न होने से महिला कर्मचारियों को भी परेशानी होती है। विद्युत परीक्षण शाला के अधिशासी अभियंता नितिन जायसवाल ने बताया कि कई बार हादसे की आशंका जताते हुए विभागीय कर्मचारियों को पत्र लिखा जा चुका है। लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला है। अधिशासी अभियंता ने बताया कि फिर से रिमाइंडर भेजने की तैयारी की जा रही है। ताकि किसी बड़े हादसे को होने से बचाया जा सके।
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