
Etawah hospital stray dogs: “सोचिए, एक मां प्रसव पीड़ा से बेहाल हो और बगल में कुत्ता सो रहा हो… क्या आप इसे ‘नंबर वन’ अस्पताल कहेंगे?” उत्तर प्रदेश के इटावा ज़िले के जसवंतनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में जच्चा-बच्चा वार्ड के बिस्तरों, सीढ़ियों, गैलरी और यहां तक कि वॉशरूम में भी आवारा कुत्ते खुलेआम घूमते और सोते नजर आ रहे हैं।
जिस अस्पताल को जिले की "नंबर वन सीएचसी" का दर्जा प्राप्त है, वहां ऐसी लापरवाही ने स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की नींद उड़ा दी है। मामला सामने आने के बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) बृजेश कुमार सिंह ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
वीडियो में साफ दिख रहा है कि जिन वार्डों में माताएं अपने नवजात बच्चों के साथ भर्ती हैं, वहीं उनके पास कुत्ते बिस्तर पर सोते पाए गए। न तो कोई सफाईकर्मी दिखाई दे रहा है, न ही कोई नर्सिंग स्टाफ,और सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि ये सब उस वक्त हो रहा है जब मातृ-शिशु वार्ड में 24x7 सतर्कता और साफ-सफाई बेहद जरूरी होती है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि रात के समय कुत्तों की संख्या और भी बढ़ जाती है, और कई बार उनके आपसी झगड़े से शिशु डर के मारे रोने लगते हैं। थकी हुई प्रसूताएं सहमी हुई पड़ी रहती हैं, और ऐसे में एक छोटी सी चूक भी बड़े हादसे में बदल सकती है।
मरीजों के परिजनों ने साफ तौर पर कहा कि यह कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी कई बार इस समस्या की शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। परिजनों ने सवाल उठाया – "अगर किसी दिन कोई कुत्ता नवजात को काट ले या हमला कर दे तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?"
मुख्य चिकित्सा अधिकारी बृजेश कुमार सिंह ने कहा कि वायरल वीडियो की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने माना कि कुत्तों का अस्पताल में प्रवेश संभवतः लोगों द्वारा बचा-खुचा खाना डालने की वजह से हो रहा होगा, लेकिन इससे जिम्मेदारी खत्म नहीं होती। उन्होंने आश्वासन दिया कि “जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
यह भी पढ़ें: "हमें छोड़ दो भैया!" गिड़गिड़ाती रहीं बच्चियां, नहीं रुका शैतान, थप्पड़, गालियां और मुर्गा बनाकर तड़पाया!
उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।