इटावा में सर्राफा व्यापारी मुकेश वर्मा ने कैमरे पर स्वीकार किया कि उसने पत्नी और तीन बच्चों की हत्या कर दी। उसने पहले नींद की गोली दी और फिर गला घोटकर जान ली। पूरी घटना का चौंकाने वाला खुलासा।
इटावा। यूपी के इटावा शहर में तीन बच्चों और पत्नी की सुसाइड केस में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इस दर्दनाक घटना ने सबको स्तब्ध कर दिया है । आरोपी सराफा कारोबारी ने ऑन कैमरा जो कुबूल किया, वो किसी को भी अंदर तक झकझोर कर रख देने वाला है। बड़ी बता ये कि अपने कुबूलनामे के दौरान और न ही पहले या बाद में उस शख्स के चेहर पर इस जघन्य घटना का कभी कोई पछतावा नहीं दिखा।
मुकेश ने बताया सबसे पहले उसने चारों को नींद की दवा खिलाई, फिर पत्नी ने फांसी के फंदे से लटकने की कोशिश की लेकिन नहीं लटक पाई, तो उसने कहा कि हमे एक जगह लेटा दो, फिर जो करना हो करों। तब तक में उसके ऊपर नींद की गोली का असर हो गया था। जब मुकेश ने उसे लेटाया तो उसके बाद उसका गला घोट दिया। उसके बाद तीनों बच्चों का बारी-बारी से गला घोट कर मार डाला। उसने कहा कि जब वह ये कृत्य कर रहा था, तो उस वक्त बच्चे जग गए थे। वो पूछ रहे थे कि पापा ये क्या कर रहे हो, तब उसने बच्चों से कहा था कि बेटा अकेले छोड़कर तुम्हे जा नहीं सकते, इसलिए साथ लेकर जा रहे हैं। इस वारदात का दिल दहला देने वाला पहलू यह है कि मुकेश ने इसी तरह 20 साल पहले अपनी पहली पत्नी की भी जान ली थी।
मुकेश ने बताया कि इस हत्याकांड को अंजाम देने का इरादा करवाचौथ के दिन बना था, लेकिन किसी कारण से उस दिन वह अपने इरादे को अमल में नहीं ला सका। उसके मुताबिक पिछले कुछ वर्षों से पारिवारिक विवाद और मानसिक तनाव के कारण वह इस घातक निर्णय पर पहुंचा था। उसकी पत्नी ने उसे यह कहते हुए प्रोत्साहित किया कि वह अकेले कैसे जा सकते हैं, उसे अपने साथ ले जाना ही बेहतर होगा। हमें इन सबकी हत्या करने का कोई पछतावा नहीं है। सात डिब्बे मेरे ऊपर से गुजर गए। तब भी मैं बच गया, किस्मत की ही बात है। मुझे हत्या करने का कोई पछतावा नहीं है।
घटना वाले दिन मुकेश ने पत्नी और बच्चों को नींद की गोली दी ताकि उन्हें मौत के वक्त दर्द न महसूस हो। पहले उसने अपनी पत्नी की हत्या की और फिर बारी-बारी से अपने तीनों बच्चों का गला घोंट दिया। हत्या के बाद उसने खुद को ट्रेन के सामने ले जाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया, लेकिन वह बच गया। घटना की सूचना खुद मुकेश ने डायल 112 पर दी। पुलिस और फोरेंसिक टीम घटनास्थल पर पहुंची और जांच शुरू की। पुलिस ने मुकेश को हिरासत में ले लिया है और आगे की जांच कर रही है।
यह घटना करवाचौथ के दिन अंजाम दी जाने वाली थी। मुकेश के अनुसार पिछले कुछ सालों से घरेलू समस्याएं उसे मानसिक तनाव दे रही थीं, जिससे वह इसे बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था, इसलिए सुसाइड करना चाहता था। पता चलने पर उसकी पत्नी रेखा ने उससे कहा था कि यदि वह अपना जीवन समाप्त करना चाहता है, तो उसे भी साथ ले चले क्योंकि मायके में भी उसकी देखभाल के लिए कोई नहीं था ओर बच्चे भी कमाने लायक नहीं हैं। जिससे कि मुकेश के जाने के बाद वह उनके सहारे जी सके। मुकेश ने बताया कि उसकी पत्नी रेखा ने उससे ऐसी दवा देने की गुजारिश की थी, जिससे किसी तरह की तड़प न हो। उसने अपनी पहली पत्नी को भी इसी तरह से 2003 में नींद की गोली देकर मौत के घाट उतारा था। इस बार भी उसने वही तरीका अपनाया।
घटना के बाद मुकेश ने खुद ही पुलिस को फोन कर अपनी पत्नी और बच्चों के सुसाइड का मामला बताया। पुलिस जब उसके घर पहुंची, तो मुकेश की पत्नी रेखा वर्मा (45), बेटी भव्या (18), और बेटा अभिष्ट (14) के शव नीचे वाले कमरे में पड़े मिले, जबकि छोटी बेटी बेटी काव्या (16) का शव दूसरी मंजिल पर था। मुकेश ने दावा किया कि वह खुद भी आत्महत्या करना चाहता था और ट्रेन के आगे लेट गया था, लेकिन बच गया।
सर्राफा कारोबारी मुकेश वर्मा दिल्ली से सोने की खरीदारी करता है। वह महीने में 8 से 10 दिन घर से बाहर रहता है। बड़ी बेटी भव्या दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीकॉम और छोटी काव्या 12वीं क्लास में थी। मुकेश की दो शादी हुई थी। पहली पत्नी की शादी के दो साल बाद 2005 में मौत हो गई। भव्या पहली पत्नी की बेटी थी। बाकी दोनों बच्चे दूसरी पत्नी रेखा के हैं।