अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में अखिल भारतीय इमाम संगठन प्रमुख डॉ इमाम उमैर अहमद इलियासी शामिल हुए थे। जिनके खिलाफ फतवा जारी हो गया है। इस घटना की विहिप ने निंदा की है।
अयोध्या. राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में अखिल भारतीय इमाम संगठन के प्रमुख डॉ इमाम उमैर अहमद इलियासी शामिल हुए थे। इस कारण जिहादी कट्टरपंथी मुफ्तियों के एक ग्रुप द्वारा उनके खिलाफ फतवा जारी कर दिया है। इस घटना को विश्व हिंदू परिषद द्वारा दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने इस घटना की निंदा की है।
फतवा वापस लेने की मांग
विश्व हिंदू परिषद द्वारा इस फतवे को वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि क्या एक भारतीय मुसलमान को अपने पूर्वजों की पुण्यधारा के दर्शन करने का भी अधिकार नहीं है। बताया गया कि पहली बार किसी इमाम के खिलाफ एक तरफा फतवा जारी हुआ है। कहा जा रहा है कि इस फतवे से ये सिद्ध हो गया है कि कुछ कट्टरपंथी लोग इस्लाम को अपनी जागीर समझते हैं। अगर ऐसा है तो ये लोग तीन तलाक, हलाला और हलाल के खिलाफ फतवा क्यों नहीं जारी करते हैं। विहिप ने इस फतवे को वापस लेने के साथ ही माफी मांगने की मांग की है।
इमाम को मिल रही धमकियां, इस्तीफा देने की मांग
आपको बतादें कि 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन हुआ था। जिसमें आल इंडिया इमाम आर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष डॉ उमेर अहमद इलियासी शामिल हुए थे। इस आयोजन में उनके शामिल होने पर कट्टरपंथियों ने उन पर निशाना साधना शुरू कर दिया। उन्हें वॉट्सअप और फोन पर धमकियां मिलने लगी। जिससे वे परेशान हो गए। अब कट्टर पंथियों द्वारा इमाम से अपने पद से इस्तीफा देने की मांग की जा रही है। जिसके चलते इमाम के समर्थकों द्वारा भी इस घटना की निंदा करते हुए इस मामले की शिकायत दिल्ली पुलिस से की जा रही है।
इमाम बोले धमकियों से डरने वाला नहीं
इस मामले में इमाम ने कहा कि वे किसी की धमकियों से डरने वाले नहीं हैं। उन्हें इससे पहले भी आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत से मिलने और उन्हें राष्ट्रपिता की संज्ञा देने पर भी धमकियां मिली थी। इस कारण उन्हें वाय क्लास की सिक्योरिटी दी गई थी।