
Ganga Expressway Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में बन रहे गंगा एक्सप्रेसवे का काम अब लगभग पूरा हो चुका है, और यह जल्द ही यूपी के लोगों के लिए एक गेम चेंजर साबित होने वाला है। मेरठ से प्रयागराज तक फैला यह एक्सप्रेसवे न केवल सफर को तेज और आरामदायक बनाएगा, बल्कि इससे कई नए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। जानें, इस एक्सप्रेसवे के बनने से किस तरह के बदलाव आने वाले हैं और कौन-कौन से शहरों और गांवों को इसका फायदा मिलेगा।
गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के 12 प्रमुख जिलों और 518 गांवों से होकर गुजरेगा। इसके रास्ते में मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूँ, शाहजहाँपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, और प्रतापगढ़ जैसे महत्वपूर्ण जिले शामिल हैं। यह एक्सप्रेसवे बिजौली गांव (मेरठ) से शुरू होकर जुदापुर दादू गांव (प्रयागराज) तक पहुंचेगा।
गंगा एक्सप्रेसवे पर गाड़ियों की रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकेगी, जिससे सफर न केवल तेज होगा, बल्कि आरामदायक भी। इसके अलावा, एक्सप्रेसवे पर 28 फ्लाईओवर, 381 अंडरपास और 126 छोटे पुल बनाए गए हैं, जिससे यातायात में कोई बाधा नहीं आएगी। खास बात यह है कि इमरजेंसी स्थितियों में यहां फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर भी उतर सकेंगे, इसके लिए शाहजहाँपुर में हवाई पट्टी बनाई जा रही है।
गंगा एक्सप्रेसवे से न केवल यात्रा आसान होगी, बल्कि इसके किनारे ढाबे और स्टॉल्स के रूप में नए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। इसके अलावा, जन सुविधा परिसर भी बनाए जाएंगे, जो यात्रियों को आवश्यक सुविधाएँ प्रदान करेंगे।
गंगा एक्सप्रेसवे की अनुमानित लागत 36,230 करोड़ रुपये है, और इसे 7467 हेक्टेयर भूमि पर बनाया जा रहा है। फिलहाल यह एक्सप्रेसवे 6 लेन में बना है, लेकिन भविष्य में इसे 8 लेन तक विस्तारित करने की योजना है।
यह एक्सप्रेसवे दिल्ली और उत्तर प्रदेश के बीच सफर को और भी आसान बनाएगा, और दो राज्यों को जोड़ने का काम करेगा। इसे जुलाई 2025 में खोलने की योजना है, जिससे यात्रियों को बेहद राहत मिलेगी।
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